सितंबर माह में इन सब्जियों की बुवाई करने से होगा अच्छा मुन्नाफा
सितंबर माह में कई ऐसे सब्जियां हैं जिनकी बुवाई की जाती है। इनसे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। सितंबर महीने में मानसून बरसात का अंत होता है और शरद ऋतु के आगमन की तरफ बदलाव होता है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कार्य करने से पहले योजना बनाना हर एक क्षेत्र में सफलता की कुंजी साबित होता है। यदि किसान को यह जानकारी है कि कौन से माह में कौन सी फसल की बुवाई व विकसित करनी है तो यह उसके लिए काफी लाभकारी होता है। सितंबर माह में कई ऐसे सब्जियां हैं जिनकी बुवाई की जाती है। इनसे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। सितंबर महीने में मानसून बरसात का अंत होता है और शरद ऋतु के आगमन की तरफ बदलाव होता है। मेरठ उद्यान विभाग को कार्ययोजना वर्ष 2021-22 के तहत आम, अमरूद, लीची, पपीता, फूल व सब्जियों के लिए 89 हेक्टेयर के लक्ष्य प्राप्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत पर ड्रोप मोर क्रोप योजना में 2436 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों के लिए अलग से कार्य योजना बनाई गई है।
सितंबर माह में उगाई जाने वाली सब्जियां
गाजर, मूली, चुकंदर, मटर, आलू, शलजम, अजवायन, सलाद, गोभी, ब्रोकली, पत्ता गोभी, सेम व टमाटर जैसी सब्जियों की बुवाई करने से इसकी वृद्धि तेजी से होती है। जिस कारण से इसका लाभ भी जल्दी और ज्यादा मिलता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन सब्जियों की बुवाई सितंबर माह में करने से बीमारियों का भी खतरा कम रहता है।
कोल्ड स्टोरेज से कराते रहें भंडारित आलू की निकासी
जिला उद्यान अधिकारी मेरठ गमपाल सिंह ने जिले के सभी आलू भंडारण करने वाले लोगों से आलू निकासी में तेजी लाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में अभी तक आलू की 23 प्रतिशत ही आलू निकासी हो पाई है। जो पिछले साल की तुलना में काफी कम है। पिछले वर्ष इस समय तक 43 प्रतिशत आलू की निकासी हो चुकी थी। वर्तमान में यदि आलू निकासी में तेजी नहीं लाई गई तो अक्टूबर व नवंबर माह में निकासी बढ़ने पर आलू के बाजार भाव गिरने की पूर्ण संभावना है। उन्होंने भंडारण कर्ताओं से अपील की है कि वह भंडारित आलू की निकासी कोल्ड स्टोरेज से कराते रहें, जिससे भविष्य में विपरीत परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
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