ध्वस्त नहीं हुई जर्जर सरकारी इमारतें
मुरादनगर श्मशान स्थल पर हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने जर्जर इमारतों को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे लेकिन उसके बाद भी खरखौदा ब्लाक परिसर समेत अन्य स्थानों पर जर्जर भवन जस के तस हैं।
मेरठ, जेएनएन। मुरादनगर श्मशान स्थल पर हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने जर्जर इमारतों को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे, लेकिन उसके बाद भी खरखौदा ब्लाक परिसर समेत अन्य स्थानों पर जर्जर भवन जस के तस हैं। सीएम के आदेश के बाद भी लापरवाह अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
चौकाने वाली बात यह है कि ब्लाक परिसर और स्वास्थ्य विभाग के बने मकानों में भाजपा नेता समेत कई लोग जान हथेली पर रखकर निवास कर रहे है। वहीं, पशु चिकित्सा विभाग की नई इमारत बनने के बाद भी जर्जर इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया है। कैली गांव में पशु चिकित्सा विभाग का अस्पताल जर्जर हो चुका है। इसके बावजूद पशु चिकित्सक उसमें बैठकर कार्य करते हैं। यह लापरवाही वहां की जा रही है, जहां बीडीओ से लेकर तमाम विभाग के ब्लाक स्तरीय अधिकारी बैठते हैं। जिला स्तरीय बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए यहां आते रहते हैं, लेकिन हादसों को दावत दे रही ये जर्जर इमारतें किसी को नहीं दिखती। बारिश होने पर लोग जर्जर भवनों के नीचे खड़े हो जाते हैं। वही, आसपास के बच्चे इनके पास खेलते रहते हैं। मुरादनगर हादसे के बाद भी लापरवाह अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है।
चार गांवों के आंगनबाड़ी केंद्र भी जर्जर
खड़खड़ी, गोविंदपुरी, कूड़ी और कबट्टा गांवों में बने आंगनबाड़ी केंद्र भी जर्जर हो चुके हैं। शासन के आदेश के बाद स्थानीय अधिकारियों ने जर्जर केंद्रों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है।
इन्होंने कहा
जर्जर भवनों को जल्द ध्वस्त कराया जाएगा। नए भवनों के निर्माण को लेकर शासन से बजट की मांग की जाएगी। जर्जर हुए भवन और कार्यालय को ध्वस्त कराया जाएगा।
-मदन सिंह गर्वियाल, एडीएम प्रशासन
पशु अस्पतालों की खरखौदा और कैली की जर्जर इमारत को ध्वस्त कराया जाएगा। साथ ही शासन से निर्माण के लिए बजट की मांग की जाएगी।
-अनिल कंसल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी