Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    ...मिलकर बाइडन से मोदी ने ये कहा, भारत में होते तुम तो आडवाणी बनाता

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Mon, 12 Sep 2022 01:13 PM (IST)

    बागपत में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में पहुंचे देश के प्रसिद्ध कवि। हास्य-व्यंग्य से दर्शकों को देर रात तक किया लोटपोट। पंच परमेष्ठी प्रचार समिति ...और पढ़ें

    अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में पहुंचे कवि डा. कुमार विश्वास।

    बागपत, जागरण संवाददाता। शहर की संजय मूर्ति पर अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में पहुंचे प्रसिद्ध कवि डा. कुमार विश्वास ने अपनी हास्य-विनोद और काव्य रचनाओं से समां बांधा। बीच-बीच में उन्होंने क्षेत्र की ठेठ-देहाती शैली पर भी व्यंग्य सुनाकर दर्शकों को लोटपोट कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंच परमेष्ठी प्रचार समिति के तत्वावधान में रविवार देर रात्रि आयोजित कवि सम्मेलन में दूर-दूर से आए देश के प्रसिद्ध कवियों ने क्षेत्रवासियों का अपनी कविताओं से दिल जीत लिया। मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री केपी मलिक, डा. अनिल जैन, चेयरमैन डा. अमित राणा, निखिल जैन दिल्ली रहे।

    ताऊ जी इतनी मेहरबानी क्यूं

    कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा. कुमार विश्वास ने अपनी चिरपरिचित शैली में चुटकुले सुनाकर दर्शकों से जमकर ठहाके लगवाए। बड़ौत क्षेत्र की ठेठ देहाती शैली पर उन्होंने खूब व्यंग्य कहे। बोले कि एक बार कवि सम्मेलन में दो कवि लेकर आया तो नीचे से आवाज आई कि भाई! डाक्टर बाछड़े तो अच्छे लाया है। क्षेत्र के लोगों की भाषा शैली पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि कई बार हमारे आफिस के कर्मचारी भी आश्चर्य में कहते हैं कि साहब ये तो आपको कुछ समझते ही नहीं? मैं उन्हें बताता हूं कि मेरी तो छोड़े ये अपने बाप को कुछ नहीं समझते। ये जगह ही ऐसी है, इलाका ही ऐसा है। हास्य कवि शंभु शिखर ने दर्शकों के हंसी से पेट पकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे पहले उन्होंने फरमाया कि इस बार आयोजक संजय जैन के घर चाय-पानी के लिए जाते समय रास्ते में एक ताऊ मिल गए तो उन्होंने कहा कि बेटा! पिछली बार तू आया था और कविता पढ़कर चला गया। इस बार तू दो-चार दिन रुक जा, दूध-दही खा। मैंने कहा कि ताऊ जी इतनी मेहरबानी क्यूं, तो ताऊ जी बोले, मेहरबानी की बात नहीं है, हमारी भैंस का काटड़ा मर गया है, तुझे देखकर दूध दे देगी।

    प्रमुख कविताओं पर एक नजर

    डा. कुमार विश्वास ने देश, गंगा पर काव्य पाठ किया। इसी के साथ लोगों की मांग पर उन्होंने कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है सुनकर जमकर तालियां बटौरी। इसके अलावा शंभु शिखकर ने फरमाया कि इश्क तो कालों से ही किया जाता है, गाेरे तो 1947 से पहले भी बेवफा थे। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वार्ता को अपने अंदाज में बयां करते हुए कहा कि भूली हुई, बिखरी हुई कहानी बनाता, अरमान दिल के सारे पानी-पानी बनाता, मिलकर बाइडन से मोदी ने ये कहा भारत में होते तुम तो आडवाणी बनाता। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष संजय जैन, आशीष जैन, नवीन जैन, मनोज, जैन, सोनू जैन, विक्की जैन आदि का सहयोग रहा।