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    भगवान को प्रसन्‍न करने के लिए होती है पारद शिवल‍िंग की पूजा, साक्षात शिव करते हैं इसमें न‍िवास

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jul 2022 03:02 PM (IST)

    मनचाहा वरदान पाने और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पारद के शिवलिंग की पूजा अर्चना की जाती है। पारद के शिवलिंग को पारा धातु और जड़ी बूटियां मिलाकर तैयार किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि साक्षात भगवान शिव इसमें निवास करते हैं।

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    सावन में शिव पूजन के लिए खास बने है पारे के शिवलिंग।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। सावन माह में पारद शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व है, मनचाहा वरदान पाने और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पारद के शिवलिंग की पूजा अर्चना की जाती है। पारद के शिवलिंग को पारा धातु और जड़ी बूटियां मिलाकर तैयार किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि साक्षात भगवान शिव इसमें निवास करते हैं। पुराणों में भी इससे नकारात्मक शक्तियों के नाश का उल्लेख मिलता है।

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    पारे के शिवलिंग की पूजा का विधान

    सावन माह में पारे के शिवलिंग की पूजा करने का विधान है, और यहीं कारण है कि इस एक माह में पारे के बने शिवलिंग की मांग दोगुनी हो जाती है। बाजार में इस समय 50 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक के पारे के बने शिवलिंग उपलब्ध है। जिसकी कीमत 600 रुपये से 5 हजार रुपये तक है। पारे का शिवलिंग तैयार करने में 73 प्रतिशत पारा और 27 प्रतिशत अन्य शुद्ध जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसे पूजा में सबसे शुद्ध् और चमत्कारी शिवलिंग माना जाता है। जयपुर और गुजरात के शिवलिंग की मांग पारे का बना शिवलिंग सबसे ज्यादा जयपुर और गुजरात से मंगवाया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि पारे के इस शिवलिंग पर 12 ज्योर्तिलिंग भी बने हुए है। इसके अलावा शिव परिवार, नंदी और श्रीयंत्र भी है। जिसका शिव पूजा में विशेष महत्व है।

    सावन में बढ़ जाती है मांग

    सामान्य दिनों में पारे के शिवलिंग की मांग 40 प्रतिशत रहती है और इस समय इसकी मांग दोगुनी बढ़कर 80 से 90 प्रतिशत तक है। इसके अलावा सावन माह में स्फटिक शिवलिंग की मांग भी काफी है, 25 से 500 ग्राम वजन वाले स्फटिक के शिवलिंग की कीमत 400 से 4 हजार रुपये तक है। जिसे खास तरह के पत्थर से तैयार किया जाता है। इस एक माह में पारे और स्फटिक के बने शिवलिंग की मांग और कारोबार की बात की जाए तो शहर में सौ से अधिक दुकानें है। जहां पारे के शिवलिंग उपलब्ध है और एक माह में डेढ से दो करोड़ रुपये का कारोबार है। शिवपूजा और उपासना में पारे के बने शिवलिंग का सबसे ज्यादा महत्व है। सावन माह में इसकी मांग दोगुनी बढ़ जाती है। इसलिए सावन माह शुरू होने से पहले ही शिवलिंग पर्याप्त मात्रा में मंगवा लिए जाते है। इनकी कीमत 600 से 5 हजार रुपये तक है।

    -आशीष कुमार अग्रवाल जवाहर बुक कंपनी बुढ़ाना गेट

    स्फटिक और पारे के बने शिवलिंग जयपुर से मंगवाए जाते है। लोग अब पारे और स्फटिक शिवलिंग के अलावा माला और अन्य सामग्री की मांग कर रहे हैं। इसलिए कई साइज में इन्हें मंगवाया जा रहा है।

    -सनी स्टोन विक्रेता शास्त्रीनगर