Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    वेस्ट यूपी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नई कसौटी, होमवर्क तय करेगा पद-प्रतिनिधित्व के अंक, इसके लिए 31 दिसंबर की तारीख है महत्वपूर्ण

    By Pradeep Diwedi Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 04:18 PM (IST)

    भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की संगठनात्मक बैठक में स्पष्ट संदेश दिया कि पद केवल मेहनत और परिणामों से मिलते ...और पढ़ें

    Hero Image

    प्रतीकात्मक फोटो

    प्रदीप द्विवेदी, जागरण, मेरठ। दो दिन पहले भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की संगठनात्मक बैठक पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए एक स्पष्ट राजनीतिक संकेत दे गई है। पश्चिमी क्षेत्र को लोकसभा और विधानसभा दोनों स्तरों पर सत्ता की धुरी माना जाता है, वहीं से उन्होंने संगठन को संदेश दिया कि भागदौड़ से पद नहीं मिलता, इसका रास्ता केवल मेहनत और परिणामों से होकर जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह संदेश आने वाले महीनों में संगठनात्मक फेरबदल, दावेदारों की छंटनी और टिकट वितरण की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। नए प्रदेश अध्यक्ष ने जमीनी पकड़ की कसौटी का होमवर्क दे दिया है। 31 दिसंबर को एसआइआर की ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद यह आंकलन हो जाएगा कि किस क्षेत्र में किसने कितनी मेहनत की है। 

    pankaj chaudhary 650

    चुनावी रणनीति और जमीनी पकड़

    पश्चिम उत्तर प्रदेश जातीय संतुलन, ग्रामीण-शहरी समीकरण और चुनावी अंकगणित के लिहाज से निर्णायक क्षेत्र रहा है। एसआइआर को लेकर दिया गया प्रदेश अध्यक्ष का होमवर्क सीधे तौर पर आगामी चुनावी रणनीति से जुड़ा माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में समर्थकों के नाम शामिल होने से ही यह तय हो जाएगा कि क्षेत्र में पार्टी की वास्तविक ताकत कितनी है। 31 दिसंबर को सूची जारी होने के बाद प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने-अपने क्षेत्र में सूक्ष्म स्तर पर जांच करने के निर्देश देना, इस बात का संकेत है कि पार्टी जमीनी आंकड़ों के आधार पर आगे की रणनीति बनाएगी।

    निष्ठा और पार्टी के मानक

    पंकज चौधरी का यह कहना कि जो दायित्व सौंपा जाए, उसे पूरी निष्ठा से शत-प्रतिशत पूरा कीजिए। प्रमोशन अपने आप मिलेगा, पार्टी कार्यकर्ता की चिंता स्वयं करेगी। स्पष्ट है कि आने वाले समय में संगठन में वही आगे बढ़ेगा, जो पार्टी के तय मानकों और होमवर्क पर खरा उतरेगा। यह पश्चिम यूपी की परंपरागत राजनीति पर भी एक टिप्पणी मानी जा रही है, जहां कई बार प्रभाव और समीकरणों के आधार पर दावेदारी की चर्चा होती रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और इस रास्ते की मजबूती पश्चिम उत्तर प्रदेश की सीटों से तय होती है। उन्होंने यह कहने में संकोच नहीं किया कि उन्हें यह पद लगन से कार्य करने के लिए ही मिला है। तभी उन्हें केंद्रीय मंत्री रहते हुए अब प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।

    मेहनत और निष्ठा: दीर्घकालिक राजनीति की पूंजी

    अपने व्यक्तिगत राजनीतिक सफर का उल्लेख करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दिया कि लगातार मेहनत और संगठन के प्रति निष्ठा ही दीर्घकालिक राजनीति की पूंजी है। सात बार सांसद बनने से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का उनका सफर, पश्चिम उत्तर प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया।