New GST Rates : दूल्हे की शेरवानी व दुल्हन का लहंगा होगा महंगा, अधिक कीमत का कपड़ा होने पर लगेगा 18 प्रतिशत जीएसटी
Meerut News शादी के कपड़ों पर जीएसटी बढ़ने से कीमतें बढ़ गई हैं। 2500 रुपये से अधिक के रेडीमेड कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने से दुल्हन के लहंगे और दूल्हे की शेरवानी खरीदना महंगा हो जाएगा। पहले 1000 रुपये से अधिक के कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था लेकिन अब ज्यादा जीएसटी देना होगा।

जागरण संवाददाता, मेरठ। New GST Rates : जीएसटी दरों में कपड़ों की खरीदारी पर भी सरकार ने राहत दी है, लेकिन शादी व अन्य खास समारोह में पहने जाने वाले कपड़े अब महंगे मिलेंगे। यानी दुल्हन का लहंगा व उसका पूरा सेट, दूल्हे की शेरवानी खरीदने पर अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। घोषणा के अनुसार 2500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा जबकि इससे अधिक मूल्य के कपड़े पर 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा।
अधिकतर लोग 2500 रुपये से अधिक के खरीदते हैं कपड़े
दुल्हन का लहंगा, चुन्नी समेत तीन कपड़े का सेट होता है। सामान्य तौर पर शादी के मौके पर अच्छी गुणवत्ता व डिजाइन के कारण 2500 रुपये से अधिक कीमत के कपड़े खरीदते हैं। यही बात शेरवानी व सूट पर लागू होती है। इसी तरह दूल्हे व दुल्हन के दोस्त, घर वाले भी उस समय अच्छे कपड़े खरीदते हैं भले ही वह महंगे क्यों न हो।
अब 2500 से अधिक कीमत का कपड़ा होने पर 18 प्रतिशत जीएसटी
साड़ी व्यापार संघ के अध्यक्ष अमित अग्रवाल का कहना है कि अब तक एक हजार रुपये तक के रेडीमेड कपड़े पर पांच प्रतिशत जीएसटी और एक हजार से अधिक कीमत के रेडीमेड कपड़े पर 12 प्रतिशत जीएसटी था। ऐसे में शादी वाले कपड़े कितने भी महंगे होते थे तब भी 12 प्रतिशत ही जीएसटी लगता था लेकिन अब 2500 से अधिक कीमत का कपड़ा हुआ तो 18 प्रतिशत लगेगी। यानी अब छह प्रतिशत जीएसटी अधिक चुकानी पड़ेगी।
सरकार ने दिया दीपावली का तोहफा, लेकिन अब कंपनियां उत्पादों के दाम घटाएं
मेरठ। जीएसटी की दरों में संशोधन पर व्यापारी वर्ग ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय में संयुक्त व्यापार संघ के पदाधिकारियों की बैठक में अध्यक्ष नवीन गुप्ता व महामंत्री संजय जैन ने कहा कि टैक्स दरों में कमी कर वित्त मंत्री ने छोटे व्यापारी और आम वर्ग को बड़ी राहत दी है।
यह दीपावली के पर्व का तोहफा है। नीरज मित्तल, संजीव एलोरा, तरुण गुप्ता, विजय आनंद अग्रवाल, मनीष शर्मा, विकास गिरधर आदि मौजूद रहे।
वहीं खैरनगर दवा व्यापारियों की बैठक में होलसेलर और रिटेलर केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम मित्तल ने कहा, सरकार ने जीएसटी की दरें कम कर दी हैं। अब कंपनियों को दवाओं और वस्तुओं के दाम कम करने चाहिए। अगर कंपनियां अपने उत्पादों पर नई घटी टैक्स की दरों के अनुसार अधिकतम खुदरा मूल्य नहीं लिखेंगी तो आम लोगों को इससे कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने सरकार से इसे सुनिश्चित करने की मांग की।
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