थाना और चौकी प्रभारी को हत्याकांड में लापरवाही पड़ी भारी, DIG कलानिधि नैथानी ने दिए जांच के आदेश
मेरठ में सफाईकर्मी होशियार सिंह हत्याकांड में थाना इंचार्ज से लेकर चौकी प्रभारी तक की लापरवाही उजागर हो रही है। डीआईजी ने थाना इंचार्ज और चौकी प्रभारी की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। इस प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज करने में भी पुलिस को नौ दिन का समय लग गया है। अभी भी इस हत्याकांड के आरोपित फरार चल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मेरठ। सफाईकर्मी होशियार सिंह हत्याकांड में थाना इंचार्ज से लेकर चौकी प्रभारी तक की लापरवाही उजागर हो रही हैं। उसके बाद भी एसएसपी की तरफ से कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यही कारण है कि डीआइजी ने थाना इंचार्ज और चौकी प्रभारी की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए।
डीआइजी मान रहे हैं कि इस प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज करने में भी पुलिस को नौ दिन का समय लग गया है। उसके बाद भी पुलिस ने पीड़ित की मौत का इंतजार किया। तब मुकदमा हत्या में तरमीम करने के बाद तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। अभी भी इस हत्याकांड के आरोपित फरार चल रहे हैं।
200 रुपये के उधार पर हुआ था विवाद
भावनपुर के जयभीमनगर स्थित प्रताप नगर निवासी 45 वर्षीय होशियार सिंह सफाई का कार्य करता था। कुछ समय पहले होशियार ने मोहल्ले के ही विकास से 500 रुपये उधार लिए थे। 300 रुपये लौटा दिए थे, लेकिन 200 बकाया थे। नौ जनवरी को विकास उर्फ विक्की उसके साथी दीपांशु उर्फ लाला, मनीष, जानसन और आदित्य ने 200 रुपये के लिए होशियार को जमकर पीटा था। घायल अवस्था में परिवार के लोगों ने होशियार सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
उसके बाद मामले की तहरीर भावनपुर थाने में दी गई। तब भी पुलिस न तो मौके पर पहुंची और न ही मुकदमा दर्ज किया गया। मामला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद होशियार सिंह के स्वजन की तरफ से 18 जनवरी को मामूली मारपीट में मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि परिवार के लोगों ने जानलेवा हमले की तहरीर दी। फिर भी पुलिस मामले में गंभीर नहीं हुई।
मामले में लगातार हो रही थी लापरवाही
उसके बाद 21 जनवरी को दारोगा संजीव कुमार अस्पताल में होशियार सिंह के बयान लेने पहुंचे। तब जानलेवा हमले की धारा बढ़ाकर विकास के अलावा चार अन्य नाम उजागर किए। तब भी पुलिस ने आरोपितों के घर तक दबिश देने की जरूरत तक नहीं समझी। उसके बाद 27 जनवरी को होशियार सिंह ने उपचार के दौरान आखिरकार दम तोड़ दिया। तब भावनपुर पुलिस हरकत में आई। 28 जनवरी को मुकदमा हत्या में तरमीम किया गया। 29 जनवरी को मुख्य आरोपित विकास उर्फ विक्की, दीपांशु उर्फ लाला और मनीष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पूरे घटनाक्रम में शुरू से ही भावनपुर पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। तब भी एसएसपी डा. विपिन ताडा ने चौकी प्रभारी रंजीत और थाना प्रभारी धर्मेंद्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद डीआइजी कलानिधि नैथानी ने मामले में एसओ और चौकी प्रभारी के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। डीआइजी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में थाने से लेकर चौकी तक लापरवाही हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे बाद बेड एंट्री भी दी जाएगी।
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