Muzaffarnagar Riots: भड़काऊ भाषण मामले में अब आठ को तय होंगे आरोप, नहीं हो सकी अंतिम बहस
Muzaffarnagar Riots मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को पूर्व सांसद सईदुज्जमां और मौलाना जमील सहित छह आरोपित पेश हुए लेकिन आरोप तय करने को लेकर अंतिम बहस नहीं हो सकी। कारण यह रहा कि अधिवक्ताओं की हड़ताल रही। अब आठ को तय होंगे आरोप।

मुजफ्फरनगर,जागरण संवाददाता। मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगों से पहले भड़काऊ भाषण मामले में शुक्रवार को कोर्ट में आरोपितों पर आरोप तय नहीं हो सके। इस मामले में कोर्ट ने आठ अक्टूबर की तिथि नियत कर दी। इससे पूर्व मामले को लेकर अंतिम बहस नहीं हो सकी। कोर्ट में पूर्व गृह राज्य मंत्री सईदुज्जमां और पूर्व विधायक मौलाना जमील सहित छह आरोपित पेश हुए।
सभा का किया था आयोजन
30 अगस्त 2013 को शहर कोतवाली क्षेत्र के शहीद चौक पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने सभा का आयोजन किया था। इसके उपरांत पुलिस ने प्रदेश के पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमां, पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व विधायक नूरसलीम राना, पूर्व विधायक मौलाना जमील, सलमान सईद, पूर्व सभासद असद जमां, मुशर्रफ कुरैशी, अहसान कुरैशी, नौशाद कुरैशी आदि सहित 10 लोगों को भड़काऊ भाषण के मामले में आरोपित बनाया था।
नहीं हो सकी अंतिम बहस
मुकदमे की सुनवाई एडीजे-4 विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज गोपाल उपाध्याय के समक्ष चल रही है। आरोप निर्धारण के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन नो वर्क होने के चलते मामले में अंतिम बहस नहीं हो सकी। शुक्रवार को पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व विधायक नूरसलीम राना, सलमान सईद, नौशाद कुरैशी आदि कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके अधिवक्ता की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जबकि बाकी आरोपित कोर्ट में पेश हुए।
अधिवक्ताओं की रही हड़ताल
मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनरल रूल्स सिविल को संशोधित कर न्याय शुल्क में वृद्धि किये जाने के विरोध में शुक्रवार को जिला बार संघ तथा सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं ने हड़ताल रखते हुए हाईकोर्ट बैंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पारित प्रस्ताव के अनुपालन में आम सभा का आयोजन किया। सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष सुगंध जैन की अध्यक्षता में आयोजित आम सभा का संचालन महासचिव ब्रिजेंद्र ङ्क्षसह मलिक ने किया। उन्होंने आम सभा को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क में 10 गुना तक की भारी वृद्धि कर उसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिससे वादकारियों पर आर्थिक बोझ बढेगा तथा सस्ता व सुलभ न्याय का सिद्धांत बेमानी हो जाएगा। इस अवसर पर नेत्रपाल सिंह, योगेंद्र सिंह, सत्यपाल नरेश, जितेंद्र पाल सिंह, डॉ. मीरा सक्सेना, राजसिंह रावत, प्रवीण खोकर, रामवीर सिंह, अनुराग त्यागी, आदेश सैनी, सतेंद्र कुमार, सुधीर गुप्ता, सोहनलाल, राकेश आदि अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।
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