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    27 लाख में से मात्र 17.45 लाख का ही वोट पक्का... शेष पर मंडराया खतरा

    By Anuj Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 28 Dec 2025 02:48 PM (IST)

    मेरठ जनपद में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के तहत 27 लाख में से केवल 17.45 लाख मतदाताओं का ही वोट पक्का हो पाया है। 9.55 लाख मतदाताओं पर खतरा मंडरा रह ...और पढ़ें

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    मेरठ जनपद में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के तहत 27 लाख में से केवल 17.45 लाख मतदाताओं का ही वोट पक्का हो पाया है।(प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ जनपद की सात विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2025 की मतदाता सूची में 27 लाख मतदाताओं के नाम थे लेकिन एसआइआर प्रक्रिया में अभी तक इनमें से केवल 17.45 लाख लोगों का ही वोट पक्का हो सका है। इन मतदाताओं के गणना प्रपत्र को वर्ष 2003 की मतदाता सूची के विवरण से सत्यापित कर लिया गया है।

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    जनपद में शेष 9.55 लाख मतदाताओं का वोट खतरे में है। इनमें से 6.68 लाख मतदाताओं के तो गणना प्रपत्र ही वापस नहीं मिले हैं। इन सभी के नाम मृतक, अनुपस्थित, शिफ्ट और डुप्लीकेट श्रेणी में शामिल किए गए हैं। इनके नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। 2.86 लाख मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने गणना प्रपत्र भरकर वापस तो दिया लेकिन उसमें अपना वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण उपलब्ध नहीं कराया। इन सभी को जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से नोटिस भेजकर वर्ष 2003 का विवरण मांगा जाएगा। उनके जवाब की सुनवाई के लिए 286 अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।

    विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में जनपद में 6.68 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए जाएंगे। एसआइआर के दौरान बीएलओ को इनमें से कुछ मृतक मिले हैं, कुछ डुप्लीकेट, कुछ स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हुए मिले तो कुछ मतदाता अनुपस्थित मिले हैं। इन सभी के नामों की बूथवार सूची जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर अपलोड है।

    प्रत्येक बूथ उपलब्ध कराने के साथ साथ बूथ पर तैनात राजनीतिक दलों के बूथ एजेंटों को भी इस सूची की प्रति उपलब्ध कराई गई है। ताकि प्रत्येक नाम को सत्यापिक किया जा सके कि सूचना सही है। वास्तव में उक्त व्यक्ति उपलब्ध नहीं है। इन नामों के सत्यापन को विशेष रूप से 286 अधिकारियों को भी लगाया गया है।

    2.86 लाख को नोटिस की तैयारी

    लगभग 27 लाख मतदाताओं में से 20.31 लाख ने गणना प्रपत्र भरकर वापस दिए लेकिन इनमें भी मात्र 17.45 लाख मतदाताओं का सत्यापन वर्ष 2003 की मतदाता सूची में उनके अथवा उनके माता-पिता और दादा-दादी के नाम के विवरण से किया जा सका है। 2.86 लाख मतदाताओं के गणना प्रपत्र में वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण नहीं दिया गया है। इन सभी के नाम 31 दिसंबर को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तो शामिल रहेंगे लेकिन इन सभी को नोटिस भेजकर वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण मांगा जाएगा। उपलब्ध न करने वालों के नाम भी अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं होंगे।

    286 अधिकारी करेंगे नोटिसों की सुनवाई
    2.86 लाख मतदाताओं को नोटिस भेजने की तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। हालांकि ये नोटिस 31 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भेजे जाएंगे। इन नोटिसों पर आने वाले मतदाता के जवाब की सुनवाई 286 अधिकारियों को लगाकर कराई जाएगी। प्रत्येक अधिकारी 100 नोटिसों की सुनवाई प्रतिदिन करेंगे।

    नया मतदाता बनना भी आसान नहीं होगा

    जिन मतदाताओं के नाम गणना प्रपत्र वापस न आने के कारण ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं उन्हें अपने नाम फिर से शामिल कराने के लिए फार्म 06 भरना होगा लेकिन इसके साथ वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण उपलब्ध कराना होगा। इसी के साथ 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं को भी नया मतदाता बनने के लिए माता-पिता अथवा दादा-दादी का वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण उपलब्ध कराना होगा।

    31 को जारी की जाएगी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
    31 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। गणना प्रपत्र में वर्ष 2003 की मतदाता सूची का विवरण न देने वाले मतदाताओं को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। 31 दिसंबर के बाद ये नोटिस भेजे जाएंगे और उनकी सुनवाई करके निर्णय लिया जाएगा। नये मतदाता के लिए आवेदन के साथ भी वर्ष 2003 की मतदाता सूची में दर्ज अपने माता-पिता अथवा दादा-दादी का विवरण उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। सत्य प्रकाश सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी