मेरठ की दो प्रतिभाओं को मिला राज्य पुरस्कार, सीएम योगी ने किया सम्मानित
मेरठ के दो प्रतिभाशाली व्यक्तियों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित एक समारोह में इन प्रतिभाओं को ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ की दो प्रतिभाओं को राज्य पुरस्कार से अलंकृत किया है। पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ के गणित व विज्ञान शिक्षक विकास कुमार को 'सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग (अस्थिबाधित) कर्मचारी' सम्मान से सम्मानित किया।
इनके अलावा प्रतिभावान दिव्यांग खिलाड़ी श्रवणबाधित विनायक बहादुर को भी राज्य स्तरीय दिव्यांग पुरस्कार प्रदान किया गया है। दोनों की प्रतिभाएं अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पहचान बना चुकी हैं। इन्हें सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, पदक और 25,000 रुपये की धनराशि प्रदान की गई।
ग्रामीण परिवेश से निकल उत्कृष्टता की ओर बढ़े विकास
मूल रूप से जिले के गांव बहरामपुर मोरना के रहने वाले विकास कुमार अत्यंत साधारण व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एमएससी (भौतिक विज्ञान) व बीएड, एनएएस कॉलेज और बीएससी डीएन पीजी कॉलेज से की।
विकास कुमार ने अपनी शिक्षण सेवा की शुरुआत 2015 में राजकीय इंटर कॉलेज मुजफ्फरनगर से की। इसके बाद 2018 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज, बिटावदा में प्रभारी प्रधानाचार्य बने। 2019 में राजकीय इंटर कॉलेज बहरामपुर में अध्यापन और 2022 से अब तक पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ में गणित और विज्ञान शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
विकास कुमार अपने विद्यालय में स्मार्ट क्लास, डिजिटल टूल्स, एनीमेशन आधारित शिक्षण और आधुनिक विज्ञान-गणित मॉडलों के माध्यम से शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। दो बार जिला स्तरीय आईसीटी अवॉर्ड जीत चुके हैं।
इसके अलावा उन्हें 2023 में उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार (जिला स्तर) और 2024 में गणित नवाचार में जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिल चुका है।
आवाज नहीं लक्ष्य पर टिकी रहती हैं विनायक की निगाहें
आईआईएमटी विश्वविद्यालय में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र और प्रतिभावान दिव्यांग खिलाड़ी विनायक बहादुर श्रवणबाधित हैं। उनको दूसरी बार राज्य स्तरीय दिव्यांग पुरस्कार मिला है। विनायक बहादुर ने जन्म से बधिर होने के बावजूद अनेक उपलब्धियां हासिल कर दिखा दिया है की उड़ान पंखों से नहीं हौसलों से होती है।
पूर्व राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी और वर्तमान राष्ट्रीय निशानेबाज के रूप में स्थापित विनायक के माता-पिता, दीपक बहादुर व मीतू बहादुर भी शत-प्रतिशत बधिर हैं। बेहद कम उम्र में हासिल की गयीं उपलब्धियों के कारण विनायक का नाम इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
प्रभात नगर निवासी विनायक को 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय दिव्यांग पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विनायक को विवेकानन्द राज्य युवा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया था।

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