लखनऊ सहित कई निगमों ने आवारा कुत्तों की गणना कर दी शुरू, मेरठ टेंडर में ही अटका
मेरठ में आवारा कुत्तों की गणना टेंडर प्रक्रिया में अटकी हुई है, जबकि लखनऊ समेत कई निगमों ने गणना शुरू कर दी है। मेरठ नगर निगम ने पांचवीं बार टेंडर निक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। स्वच्छ सर्वेक्षण में ही पीछे नहीं हैं। आवारा कुत्तों की गणना में भी पिछड़ गए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश पर शासन ने दिशा-निर्देश सभी निगमों को एक साथ जारी किए थे। लखनऊ नगर निगम ने गंभीरता दिखाते हुए आवारा कुत्ताें की गणना पूरी कर ली। गोरखपुर में जनवरी में शुरू हो जाएगी।
बरेली, कानपुर में भी यह कार्य प्रगति पर है। लेकिन मेरठ नगर निगम अभी टेंडर पर ही अटका हुआ है। निविदाएं न आने से चार बार टेंडर निरस्त करने के बाद पांचवी बार प्रक्रिया चल रही है। निगम अधिकारियों का दावा है कि फर्म चयन का कार्य 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद चयनित फर्म से आवारा कुत्तों की गणना की जाएगी।
कमेला रोड पर नया एनिमल कंट्रोल बर्थ सेंटर व शेल्टर होम के संचालन के लिए फर्म चयन के लिए पांचवीं बार टेंडर निकाला गया था जिसकी तकनीकी बिड 24 दिसंबर को खुल चुकी है। तीन फर्म श्माय हेल्पिंग इनसाइट, एनिमल केयर फाउंडेशन और कंपेयनिंग एनिमल वेलफेयर ने निविदा डाली है।
अब दस्तावेजों का मूल्याकंन किया जा रहा है। 31 दिसंबर तक फाइनेंशियल बिड खोले जाने की बात निगम अधिकारी कर रहे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अमर सिंह ने कहा कि चयनित फर्म से ही आवारा कुत्तों की गणना कराई जाएगी। सबसे पहले यही काम होगा। कहा कि पहले चार बार टेंडर पूरा न हो पाने की वजह फर्मों का रुचि नहीं लेना रहा।
एक-एक फर्म निविदा डाल रही थीं। ऐसे में मानकों के अनुसार तीन निविदाएं आए बिना टेंडर फाइनल नहीं कर सकते थे, इस बार ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जनवरी में आवारा कुत्तों की गणना शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है।
फिलहाल नगर निगम शासन को जो रिपोर्ट भेज रहा है उसमें अनुमान के अनुसार 1.20 लाख कुत्ते बताए जा रहे हैं। नए सेंटर में 10 केनेल्स में सामूहिक रूप से 10-10 कुत्ते रखने की व्यवस्था हैं। यानि 100 ऐसे कुत्ते जिनको नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन के लिए पकड़कर लाया जाएगा।
वहीं, शेल्टर होम में 30 आक्रामक कुत्ते रखने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था कुत्तों के काटने के आंकड़े के अनुसार ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष एक लाख लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। लगभग 70 प्रतिशत मामले शहरी क्षेत्र से ही हैं। //B//B
एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का हस्तातंरण भी नहीं हुआ
कमेला रोड पर 130 कुत्तों की क्षमता वाला नया एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर व शेल्टर होम सात महीने पहले जलनिगम सीएंडडीएस ने तैयार कर दिया था। लेकिन अभी तक इस बिल्डिंग को नगर निगम ने अपने सुपुर्द नहीं लिया है। गत दिनों जलनिगम के साथ मुख्य अभियंता नगर निगम ने निरीक्षण किया है। फर्म का टेंडर फाइनल होने से पहले हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी करने की बात चल रही है।
शेल्टर होम में दोबारा काटने वाले कुत्ते रखे जाएंगे आजीवन
कमेला रोड स्थित नए एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर व शेल्टर होम में 30 आक्रामक कुत्ते रखे जा सकेंगे। आक्रामक कुत्ते उनको माना जाएगा जो दोबारा काटेंगे। ऐसे कुत्तों को आजीवन यहां रखा जाएगा। यदि बंद कुत्तों को कोई गोद लेना चाहता होगा तो उसे हलफनामा देना पड़ेगा। जिसमें घोषणा करनी होगी कि कुत्ते को आजीवन रखा जाएगा। जो कुत्ते एक बार काटेंगे उनकी नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन करके 10 दिन तक रखने के बाद छोड़ दिया जाएगा।
सार्वजनिक स्थलों पर घूम रहे कुत्ते
सुप्रीम कोर्ट ने अस्तापल, स्कूल व खेल परिसर, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन पर सार्वजनिक स्थलों पर घूम रहे कुत्ते को हटाए जाने का आदेश दिया है। इस आदेश का पालन भी नहीं हो रहा है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, भैंसाली बस अड्डे, सोहराब गेट बस अड्डे सहित सभी सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कु़त्तों के झुंड घूम रहे हैं। न तो नगर निगम उन्हें पकड़ रहा है और न ही ये संस्थाएं अपने स्तर से कुछ कर रही हैं। नगर निगम की समस्या ये है कि उसका नया सेंटर चालू नहीं है और पुराने सेंटर में शेल्टर होम की व्यवस्था नहीं है।
पहले मानकों के अनुसार निविदा न आने की वजह से टेंडर निरस्त करने पड़े थे। इस बार तीन फर्मों ने निविदा डाली है। जनवरी के पहले सप्ताह तक टेंडर फाइनल करके पहले आवारा कुत्तों की गणना कराई जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से भी बात करके सहयोग लिया जाएगा। -सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त।

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