स्मॉग की चादर से ढका मेरठ...देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा, लोगों के फेफड़ों को छलनी कर रही प्रदूषित हवा
मेरठ शहर स्मॉग की चादर से ढका हुआ है और देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है, जिससे लोगों के फेफड़ों को नुकसान ...और पढ़ें
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प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मेरठ। कोहरे ने प्रदूषण के साथ मिलकर मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। लगातार मेरठ समेत आसपास के शहर प्रदेश और देश के प्रथम पांच शहरों में स्थान बनाए हुए हैं।
सोमवार को मेरठ प्रदेश में चौथा और देश में छठा सबसे प्रदूषित शहर आंका गया। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने शाम चार बजे मेरठ का एक्यूआई 360 दर्ज किया। जयभीम नगर में रात नौ बजे एक्यूआई 381 रिकॉर्ड किया गया। पल्लवपुरम में इसी समय एक्यूआई 376 रहा।
लगातार दूसरे दिन भी कोहरा रात आठ बजे के बाद शहर के बाहरी इलाकों में उतर आया। रात गहराने के साथ शहर के अंदरूनी इलाकों में भी इसका असर दिखा। मौसम विज्ञानियों ने सोमवार देर रात एनसीआर के कई भागों में घने कोहरे की भविष्यवाणी की थी।
कई इलाकों में दृश्यता 0 से 50 मीटर तक रही। रविवार की रात कोहरे के साथ मिलकर प्रदूषण के कण स्मॉग बन कर छाए रहे। पल्लवपुरम और जयभीमनगर में पीएम 2.5 की मात्रा रविवार की रात 12 बजे से सोमवार की सुबह चार बजे तक 425 से 463 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बनी रही।
दिन में यह 350 से कम रही लेकिन रात नौ बजे बढ़कर 410 पर पहुंच गई। सोमवार को दिन में चटख धूप निकली। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई विशेष सुधार नहीं दिखा। अधिकतम तापमान 25.4 और न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
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रात में बाहर निकलने से बचें
ऐसे मौसम में रात के समय लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। कोहरे के साथ मिलकर प्रदूषक कण और गैसें और ज्यादा घातक बन जाती हैं। ऐसी प्रदूषित हवा फेफड़ों के लिए बेहद नुकसानदेह है। बिना एन 95 मास्क के बाहर नहीं निकलना चाहिए।

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