Meerut News: कवयित्री अनामिका जैन 'अंबर' बोलीं- जिस तरह से मेरा अपमान किया, उसी तरह से सम्मान वापस चाहिए
मेरठ निवासी प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका जैन अंबर बिहार के सोनपुर में कविता पाठ करने गईं थीं। वहां उन्हें काव्य पाठ से रोका गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां के प्रशासन ने झूठी सूचना प्रसारित कराकर उनकी छवि खराब की।
मेरठ, जागरण संवाददाता। प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका जैन 'अंबर' बिहार के सोनपुर में काव्य पाठ करने से रोके जाने और श्रोताओं व प्रशंसकों तक गलत सूचना पहुंचाए जाने से दुखी हैं। उनमें बिहार प्रशासन के प्रति आक्रोश है। उनका कहना है कि यह कला का अपमान है। दुख है कि दिनकर की धरती पर उन्हें कविता नहीं पढ़ने दी गई। वह सच लिखती हैं सच पढ़ती हैं। जिस तरह से उनका अपमान प्रशासन ने किया है उसी तरह से उनका सम्मान वही प्रशासन वापस करे। प्रशासन ने झूठी सूचना प्रसारित कराकर उनकी छवि खराब की है। उन्हें प्रशंसक व श्रोताओं के बीच जाने से रोका गया।
'पटना में ही रोका सोनपुर जाने ही नहीं दिया'
उन्होंने कहा कि उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में लिखे गीत के बारे में सभी को पहले से ही पता था। यह गीत एक साल पहले का है। इस पर भी उन्हें आमंत्रित किया गया था। तब अचानक से कैसे उनके गीत को लेकर वैमनस्यता आ गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें पटना में ही रोक लिया था। सोनपुर जाने ही नहीं दिया।
'पूरी सच्चाई सामने लाने का लिया निर्णय'
कवयित्री अनामिका जैन 'अंबर' ने कहा कि एडीएम ने स्वयं उन्हें बताया कि सरकार के स्तर से दबाव है इसलिए काव्य पाठ के लिए जाने नहीं दे सकते। उन्होंने तब अपनी स्थिति के बारे में आयोजकों को बताया। वह वहीं रुकी रहीं। कोई विरोध नहीं किया, लेकिन प्रशासन ने उसी बीच सभी समाचार माध्यमों तक गलत सूचना पहुंचा दी कि अनामिका आईं ही नहीं। इस पर श्रोताओं को दुख हुआ। तब उन्होंने पूरी सच्चाई सामने लाने का निर्णय किया। प्रशासन ने कभी कहा कि अनामिका को आमंत्रित ही नहीं किया गया, कभी कुछ बयान दिए गए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि कवियों ने काव्य जगत की गरिमा को समझा और सभी ने बहिष्कार कर दिया था।
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