सपा नेता के बेटे सहित दो पर मेहरबान मेरठ की पुलिस
आरोपियों को थाने लाते ही सिफारिशों का सिलसिला शुरू हो गया।
मेरठ (जागरण संवाददाता)। सिविल लाइन पुलिस ने सफारी गाड़ी में असलाह के साथ पकड़े सपा नेता के बेटे और उसके साथी को छोड़ दिया, जबकि दो युवकों को दफा-25 में जेल भेज दिया। बचाने के इस खेल में मोटी वसूली की चर्चा है।
गुरुवार को बेगमपुल की ओर से आ रही सफारी गाड़ी में सपा का झंडा और वीआइपी का स्टीकर लगा था। कार में तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था। चालक समेत कार के अंदर चार युवक हथियार लेकर डांस कर रहे थे। सिविल लाइन पुलिस ने ईव्ज चौराहे पर चेकिंग के दौरान गाड़ी से बंदूक बरामद कर तीन युवकों को दबोच लिया था जबकि चौथा फरार हो गया। बाद में पुलिस ने चौथे आरोपी अनस को भी दबोच लिया।
आरोपियों को थाने लाते ही सिफारिशों का सिलसिला शुरू हो गया। कार के अंदर से पकड़े गए सपा की जिला कमेटी के पदाधिकारी नजाकत उर्फ नजर अंसारी के बेटे शादाब अंसारी निवासी इस्लामाबाद और उसके दोस्त इमरान पुत्र हबीब निवासी अहमद नगर को पुलिस ने छोड़ दिया जबकि फरमान पुत्र आस मोहम्मद और बंदूक देने वाले अनस को उसके घर से पकड़कर दफा 25 में जेल भेज दिया। पुलिस ने गाड़ी को सीज कर दिया है।
अब सवाल यह है कि जब सभी युवक कार में हुड़ंदग मचा रहे थे तो पुलिस ने शादाब और इमरान को क्यों छोड़ दिया। शादाब सपा नेता का बेटा है, जिसकी लगातार सिफारिश आ रही थी। अभी तक पुलिस आसिफ को नहीं पकड़ पाई है।
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इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला का तर्क है कि फरमान के पास से बंदूक मिली है, जो उसे अनस ने दी थी।
अनस और फरमान को ही जेल भेजा है। बाकी दोनों युवकों को बेकसूर मानते हुए छोड़ दिया। जिस गाड़ी में असलाह बरामद हुआ वह शादाब की है। चर्चा है कि दोनों आरोपियों को छोड़ने में पुलिस के साथ बड़ी सौदाबाजी हुई है।
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