हाथ जोड़े, जान की भीख मांगी, गिड़गिड़ाए... फिर भी मेरठ में पुलिसकर्मियों मारपीट करते रहे लोग
मेरठ के सठला में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में सिपाही अर्धनग्न अवस्था में जान की भीख मांग रहा है। आरोप है कि सिपाही स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मवाना। सठला में मंगलवार रात पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की जो वीडियो प्रसारित हुई, उसने साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मियों व सिपाही से मारपीट व धक्का मुक्की हो रही है। अर्धनग्न अवस्था में हाथ जोड़ते हुए सिपाही, जान की भीख मांग रहा है। मारपीट कर रहे लोग उसे पुलिसकर्मी के बजाए बता रहे हैं।
कहा जा रहा था कि सिपाही से देशी पिस्टल बरामद हुई है। वीडियो बनाकर बताने का प्रयास किया जा रहा था कि वह उन्हें मारने आया था। वीडियो में आरोपितों की बातचीत व बेखौफ वीडियो बनाने से साफ है, उन्हें पुलिस का खौफ नहीं है।
मवाना थाने से पांच किलोमीटर दूर मुस्लिम बाहुल गांव सठला में रिकार्ड के अनुसार पुलिस चौकी है। चौकी इंचार्ज व दारोगा और स्टाफ की तैनाती है। पुलिस चौकी भवन यहां नहीं है। पुलिसकर्मी पेट्रोल पंप पर कुर्सी डालकर बैठते हैं। मवाना थाने से ही चौकी का संचालन होता है। थाना पुलिस की माने तो सूचना पर दो दारोगा संदीप कुमार, दारोगा सौरभ रावत और सिपाही सुनील वहां गए।
उन्हें जानने के बाद भी आरोपितों ने उनसे दुस्साहसिक रूप से मारपीट की। उसकी वीडियो भी बनाई। देशी पिस्टल दिखाते हुए बताने का प्रयास किया कि वह भाई का अपहरण करने आए थे। लोगों को उकसाकर उनसे मारपीट कराई। यह हालत तब है जब वीडियो में वर्दी पहने दारोगा दिखाई दे रहे है। अर्धनग्न सिपाही की हाथ जोड़ते हुए वीडियो बनाई। जबकि वह जान की भीख मांगता दिखा। इस दौरान 50 से अधिक लोगों मौजूद थे।
वीडियो प्रसारित नहीं होती तो पुलिस ने घटना पर पर्दा डाल ही दिया था
मंगलवार रात साढ़े आठ बजे हुई घटना को पुलिस पूरी तरह अधिकारियों से छिपाए रही। बुधवार सुबह इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने पर इंस्पेक्टर पूनम जादौन इसे दो पक्षों में मामूली मारपीट का मामला बताकर अपना बोलने से बचती रही। सीओ पंकज लवानियां भी सिर्फ इसे दो पक्षों का मारपीट का मामूली मामला बताते रहे। हिरासत में लिए तीनों शातिर के बारे में भी जानकारी से इंकार करते रहे। वीडियो प्रसारित हुई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। आरोपित गुलाब की बहन समरीन समेत अन्य लोग भी थाने पहुंचे और पुलिस पर उक्त लोगों को झूठे मुकदमें में फंसाने के आरोप लगाए। वहीं, चर्चा है कि नितिन को शातिर गुलाब को पकड़ने के लिए पुलिस ने लगाया था। जब उन्हें पता चला तो उन्होंने पहले ही उसे बुरी तरह पीटा और टांग तोड़ दी। पुलिस कर्मियों से मारपीट, कपड़े फाड़े और असलाह लूटने के मामले में कुछ भी बताने से पुलिस ने इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से तीन नामजद समेत 50-60के खिलाफ रिपेार्ट दर्ज हुई है। इसकी थाना पुलिस व अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की।
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