यात्रीगण कृपया ध्यान दें...रविवार तक वंदेभारत एक्सप्रेस फुल है, पहले 50 प्रतिशत रहती थी खाली, यह है इसका कारण
Meerut News वंदेभारत एक्सप्रेस का मेरठ से लखनऊ तक विस्तार यात्रियों की कमी के कारण घाटे में चल रहा था। अयोध्या और वाराणसी तक ट्रैक मिलने से ट्रेन मुनाफे में आ गई। पहले आधी खाली सीटों के साथ लखनऊ जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस में अब सीटें नहीं मिल रही हैं। वाराणसी जाने वाली ट्रेन में 30 लोगों की वेटिंग लिस्ट है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। सार्थक प्रयास से बेहतर परिणाम तक पहुंचने का नाम है वंदेभारत एक्सप्रेस का विस्तारीकरण। मेरठ से लखनऊ तक यात्रियों की कमी से घाटे में चलने वाली वंदेभारत को जैसे ही अयोध्या और वाराणसी का ट्रैक मिला, ट्रेन एकाएक लाभ में पहुंच गई। विश्वास करना मुश्किल हो रहा कि कल तक आधी खाली सीटों के साथ रोजाना लखनऊ जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस में अब सीटें उपलब्ध नहीं हैं। शुक्रवार को वाराणसी के लिए रवाना हुई ट्रेन में प्रतीक्षा सूची 30 थी।
मेरठ से लखनऊ के लिए 31 अगस्त 2023 को ट्रेन का शुभारंभ हुआ था। ट्रेन के संचालन का समय राज्यरानी एक्सप्रेस से आधा घंटा पहले और किराया 1.8 गुणा होने के कारण लोगों का रुझान इस ट्रेन की ओर नहीं हो पा रहा था। राज्यरानी एक्सप्रेस का चेयर कार का किराया 655 रुपये है। जबकि वंदेभारत एक्सप्रेस का इसी श्रेणी का लखनऊ तक का किराया 1530 रुपये है। इन्हीं सब कारणों से वंदेभारत में आधे से अधिक सीटें ट्रेन में खाली जा रही थीं।
दैनिक जागरण के अभियान और जनप्रतिनिधियों की पहल के बाद 27 अगस्त को इस ट्रेन को अयोध्या और वाराणसी तक विस्तारित किया गया। शुरू में कुछ दिन तो सीटें खाली रहीं लेकिन अब भीड़ बढ़ने लगी है। शुक्रवार से रविवार तक ट्रेन में सीटें उपलब्ध नहीं हैं। अयोध्या और बनारस के बीच ट्रेन फुल है। छह सितंबर को चेयर कार में 24 और सात सितंबर को 15 वेटिंग शुक्रवार की शाम को दर्शा रहा था। एग्जीक्यूटिव श्रेणी में भी ट्रेन में सीट उपलब्ध नहीं है। इसी तरह वाराणसी से वापसी में प्रतीक्षा सूची और लंबी है। चेयरकार में छह सितंबर को वाराणसी से मेरठ की वेटिंग 54 है। सात सितंबर को भी ट्रेन फुल है। जेल रोड स्थित वीके कम्यूनिकेशन के वरुणा गोयल ने बताया कि अवकाश के चलते लोग शुक्रवार से रविवार को सीटें बुक करा रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी कहते हैं कि वंदेभारत एक्सप्रेस के विस्तारीकरण का प्रयास बहुत सार्थक रहा। जहां पश्चिम यूपी के यात्रियों के लिए अयोध्या और बनारस की सेमी हाईस्पीड ट्रेन मिल गई, वहीं ट्रेन भी फुल चलने लगी। इसके लिए रेलमंत्री का विशेष आभार।
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