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    Meerut News : तीन बच्चों की मौत के लिए बिल्डर की लापरवाही जिम्मेदार, खुले छोड़े गड्ढे में गिरकर डूबे

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 06:11 PM (IST)

    Meerut News मेरठ के सिवालखास क्षेत्र के हिम्मत का आठ वर्षीय पुत्र रितिक जितेंद्र की नौ वर्षीय पुत्री मानवी ओर मोनू का आठ वर्षीय पुत्र शिवांश रविवार सुबह करीब 11 बजे घर से खेलने के लिए निकले थे। निर्माणाधीन कालोनी में पानी भरे गड्ढे में डूबने से उनकी मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने बागपत मार्ग पर जाम लगाया।

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    शिवांश, रितिक और मानवी के फाइल फोटो। सौ. स्वजन

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सिवास खास में बिल्डर की लापरवाही से निर्माणाधीन कालोनी में भरे बरसात के पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गईं। मरने वालों में दो आठ साल के बालक और एक नौ साल की बालिका थीं। बिल्डर ने 40 दिन पहले जेसीबी मशीन से कालोनी में खोदाई कर छह फीट गहरे गड्ढे को खुला छोड़ दिया। गड्ढे में बरसात का पानी भरने से तालाब जैसे हालात हो गए।

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    रविवार को गांव के ही तीन बच्चे पांच रुपये की दुकान से खरीदारी करने के बाद लौटते समय पानी के गड्ढे में गिरकर डूब गए। 20 घंटे बाद घर से सौ मीटर की दूरी पर निर्माणाधीन कालोनी में भरे पानी में तीनों बच्चों के शव तैरते मिले। शव मिलने के बाद आक्रोशित परिवार के लोगों ने बागपत मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। घंटों की मशक्तत के बाद ग्रामीणों को समझाकर शांत किया। पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया।

    जानी खुर्द थाने के सिवालखास गांव निवासी वार्ड नंबर एक निवासी हिम्मत सेटरिंग का काम करते हैं। रविवार को सुबह दस बजे आठ वर्षीय बेटे रितिक के जिद करने पर हिम्मत ने पांच रुपये दे दिए। वह पांच रुपये की चाकलेट लेने दुकान पर गया।

    ऋतिक पड़ोसी जितेंद्र की नौ वर्षीय बेटी मानवी और उसके भाई मोनू के आठ वर्षीय बेटे शिवांश उर्फ शिबू को भी साथ ले गया। घर से करीब दो सौ मीटर दूर जानी खुर्द मार्ग पर दुकान से बच्चों ने पांच रुपये की चाकलेट खरीदी। मोनू ने तीनों को बच्चों को सड़क पर घूमते देखकर डांट कर घर भेज दिया। वहां से तीनों बच्चे निर्माणाधीन अनम गार्डन कालोनी फेस-3 से होकर जा रहे थे। उसके बाद बच्चों का कोई पता नहीं चला।

    स्वजन ने तीनों बच्चों को ग्रामीणों के साथ मिलकर 11 बजे से शाम चार बजे तक खुद तलाश किया। उसके बाद जानी थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। उसके बाद पुलिस के साथ मिलकर सुबह सवा चार बजे तक ढूंढते रहे। बच्चें नहीं मिलने पर निराश होकर सभी ग्रामीण अपने घरों को लौट गए।

    बच्चों के शव सड़क पर रखकर जाम लगाया

    सुबह छह बजे महिलाओं ने घर से सौ मीटर दूरी पर निर्माणाधीन कालोनी के प्लाट में बने गड्ढे में भरे पानी के अंदर तीनों बच्चों के शव उतराते देखे तो ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। एसपी देहात डा. राकेश मिश्रा और सीओ आशुतोष भी पुलिस बल को साथ लेकर पहुंचे, जब तक परिवार के लोगों ने जानी नहर पर बच्चों के शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खुलवाया। उसके बाद फोरेंसिक टीम और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पानी में डूबने से तीनों बच्चों की मौत होना पाया गया।

    माना जा रहा है कि बच्चे खेलते हुए बरसात के पानी में गिरने से उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से तीनों परिवारों में कोहराम मचा है। मोनू ने तो शिबू को तेहरे भाई से गोद लिया था। पहले परिवार ने हत्या की आशंका जाहिर की थी।

    इस मामले में एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों बच्चों की डूबने से मौत हुई है। अभी तक पूरे प्रकरण में बिल्डर की लापरवाही उजागर हो रही है। उसने 40 दिनों से गड्ढा खोदकर खुला छोड़ा हु़आ था। मुकदमे में बिल्डर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या की धारा बढ़ाकर गिरफ्तारी की जाएगी। गांव में हालत को देखकर फिलहाल पुलिस बल लगा दिया गया है।