बढ़े House Tax को लेकर सपा का हल्ला बोल, मेरठ नगर निगम को कूच के दौरान पुलिस से नोकझोंक, धक्का-मुक्की, देखें फोटो
Meerut News समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बढ़े हुए गृहकर को वापस लेने की मांग करते हुए नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने बच्चा पार्क चौराहे पर धरना दिया और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उधर मेरठ नगर को कूच करने के दौरान सपाइयों की पुलिस से नोकझोंक के दौरान धक्का-मुक्की हो गई।

जागरण संवाददाता मेरठ। बढ़ा गृहकर वापस लेने की मांग करते हुए समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने नगर निगम के खिलाफ हल्ला बोल दिया। धरने के बाद नगर निगम की ओर कूच करते सपाइयों को रोकने के दौरान पुलिस से उनकी नोकझोंक व धक्का-मुक्की हो गई। इसमें एक कार्यकर्ता चोटिल भी हो गए।

सोमवार को जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी और महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बच्चा पार्क चौराहे पर जुटे सपाईयों ने धरना शुरू कर दिया। नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष ने कहा कि नगर निगम में जनता की सुनवाई नहीं हो रही।

ये हैं सपा की मांगें
उन्होंने बढ़ा हुआ गृहकर वापस करने, गृह कर स्लैब कम करने, जीआईएस सर्वे की विसंगतियां खत्म करने, मलिन अल्पसंख्यक बस्तियों में विकास कराने, आवारा कुत्तों को नियंत्रण करने, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आसान करने, सफाई मित्रों की भर्ती करने और ठेका व्यवस्था खत्म करने सहित खराब पंप और एलइडी लाइट तुरंत ठीक कराने की मांग की।

महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी ने कहा कि शहर की समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त को ज्ञापन दिया जायेगा। धरने में से पार्षद कीर्ति घोपला समेत अन्य पार्षद भी मौजूद रहे।

बाद में सपाइयों ने अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
गृहकर बिलों का वितरण ठप, पार्षद जीआइएस सर्वे से संतुष्ट नहीं
जागरण संवाददाता, मेरठ। जीआइएस सर्वे से बढ़े गृहकर के विरोध के चलते मेरठ में गृहकर बिलों का वितरण ठप है। इससे गृहकर वसूली कम हो गई है। शासन से जारी गृहकर वसूली की रैंकिंग में प्रदेश के 17 नगर निगमों में मेरठ 14वें स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक अप्रैल से 31 जुलाई तक 125 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 14.9 करोड़ रुपये गृहकर वसूली हुई है। शासन ने इस पर चिंता जताई है।
नगर विकास विभाग ने नगर निगम से कम गृहकर वसूली होने की रिपोर्ट ली है। रिपोर्ट में कहा कि तीन जुलाई से चौपाल लगाकर गृहकर आपत्तियों की सुनवाई की जा रही है। 2594 आपत्तियां मिली हैं, जिनके सापेक्ष 2352 आपत्तियों का निस्तारण हुआ है। भवन स्वामियों से स्वकर प्रपत्र भरवाए हैं, लेकिन पार्षद, जनप्रतिनिधि जीआइएस सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं। विरोध के चलते गृहकर बिलों का वितरण नहीं हो पा रहा। जुलाई तक 60 हजार गृहकर बिल बंटे थे। नगर विकास विभाग के उच्च अधिकारियों ने कहा है कि विरोध करने वालों की आपत्तियां लेकर निस्तारण कराएं, ताकि शत-प्रतिशत गृहकर वसूली हो सके।
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तीन लाख संपत्तियों से होनी है गृहकर वसूली
जीआइएस सर्वे के बाद 3.05 लाख संपत्तियों से गृहकर वसूली होनी है। इसके सापेक्ष 60 हजार संपत्तियों के गृहकर बिल वितरित हुए हैं। 2.45 लाख संपत्तियों को अभी बिल ही नहीं मिले हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के पांच महीने गुजर चुके हैं, लेकिन सिर्फ 14.9 करोड़ की वसूली हुई है।

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