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    जानलेवा हमले में 50 हजार लेकर आरोपितों को क्लीनचिट देने के मामले में SO और दारोगा सस्पेंड, SSP मेरठ ने की कार्रवाई

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 04:28 PM (IST)

    Meerut News मेरठ में एक दारोगा और एसओ को रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर जानलेवा हमले के एक मामले में आरोपितों को क्लीन चिट देने के बदले 50 हजार रुपये लेने का आरोप है। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उस पर और उसके भाई पर गोली चलाई गई लेकिन पुलिस ने जांच में उसे ही आरोपित बना दिया था।

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    आरोपितों को क्लीनचिट देने वाले एसओ और दारोगा सस्पेंड

    जागरण संवाददाता, मेरठ। जानलेवा हमले के मामले में सात आरोपितों को क्लीनचिट देने के एवज में 50 हजार रुपये लेने वाले दारोगा और एसओ को निलंबित कर दिया गया है। दोनों की विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। 

    संजय द्विवेदी को फलावदा से हाल में परीक्षितगढ़ थाने का प्रभारी बनाया गया था। 28 अप्रैल को गांव नगला हरेरू निवासी हमदान पुत्र सरफराज ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि जमानत पर जेल से आने के बाद दोपहर को अपने भाई शबाउद्दीन उर्फ शब्बू के साथ खेतों पर गया था।

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    हमदान का आरोप है कि दो बाइकों पर सवार खुर्रम, कल्लू, नकीब, टाटी समेत सात लोग आए। उन्होंने दोनों पर गोली चला दी। पैर में गोली लगने से शब्बू घायल हो गया। आरोपितों ने उस पर भी गोली चलाई, लेकिन वह बच गया।

    पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कर विवेचना दारोगा योगेश गिरी को दी। विवेचना में सामने आया कि पीड़ित ने आरोपित पक्ष को फंसाने के लिए खुद ही गोली मारी थी। पुलिस ने 248 बीएनएस के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा वादी हमदान को ही जेल भेज दिया।

    एक सप्ताह पहले हमदान के स्वजन की तरफ से एसएसपी विपिन ताडा से शिकायत की गई। आरोप लगाया कि 50 हजार की रकम लेकर आरोपितों को क्लीनचिट दी गई है। बाकायदा आडियो रिकार्डिंग भी सौंपी गई। एसएसपी ने सीओ सदर देहात से मामले की जांच कराई। 

    जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद विवेचक योगेश गिरी और विवेचना का सुपरविजन करने वाले एसओ संजय द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी ने कहा कि दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है।

    ध्वस्तीकरण के लिए फर्म स्वीकृत

    जासं, मेरठ। सेंट्रल मार्केट प्रकरण में ध्वस्तीकरण के आयोजित टेंडर प्रक्रिया में फर्म के चयन पर आवास विकास परिषद मुख्यालय ने मोहर लगा दी है। मुंबई की रिलायबल एजेंसी को ठेका दिया गया है। फर्म ने 88 लाख रुपये की बोली लगाई थी। जबकि परिषद ने 1.67 करोड़ की अनुमानित धनराशि निर्धारित की थी। ध्वस्तीकरण के टेंडर को स्वीकृति मिलते ही व्यापारियों में हलचल बढ़ गई है।