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    Meerut News : दशहरा के दिन हुई 3.5 मिलीमीटर बरसात, इस माह ऐसी बौछारें और पड़ते रहने का अनुमान

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 03:31 PM (IST)

    Meerut News मेरठ में मानसून के बाद भी गुरुवार को बरसात हुई जिसका कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया गया है। दशहरा के दिन दोपहर में बादल छाए और रिमझिम बारिश हुई जो लगभग एक घंटे तक चली। मौसम विभाग ने 3.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की। इस साल मानसून में सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है।

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    मेरठ में अक्टूबर में भी बरसात का अनुमान

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मानसून सीजन के विदा होने के बाद अक्टूबर माह में गुरुवार को दशहरा के दिन बरसात देखने को मिली। मौसम विज्ञानियों के अनुसार यह बरसात पश्चिम विक्षोभ के कारण हुई है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में इस तरह की बौछारें पड़ते रहने की संभावना है।

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    दशहरा के दिन दोपहर में आसमान में बादल छा गए और एक घंटे तक रिमझिम बरसात होती रही। मौसम विभाग ने 3.5 मिलीमीटर बरसात दर्ज की। बताते चलें कि एक जून से 30 सितंबर तक सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक बरसात के साथ मानसून सीजन समाप्त हुआ। 30 सितंबर को भी अच्छी बरसात देखने को मिली थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि आगामी दिनों में भी बरसात की संभावना बनी हुई है।

    खराब हुई हवा की सेहत, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में लगातार गिर रही है मेरठ की स्थिति

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मानसून के विदा होने के साथ हवा की दिशा बदली है। साथ ही हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। गुरुवार को दोपहर दो बजे बरसात होने से पहले पीएम 2.5 की मात्रा 210 से 229 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के बीच रही। यह खराब वायु गुणवत्ता का सूचक है।

    नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) की वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट में मेरठ को ऐसे शहर के रूप में आंका गया है, जहां वर्ष 2017 -18 की तुलना में अब तक पीएम 10 की मात्रा में कोई विशेष सुधार देखने को नहीं मिला है। हालांकि इस वर्ष अच्छी बरसात होने के कारण पिछले तीन-चार माह लगातार हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी रही है। लेकिन करोड़ों रुपये खर्च कर वायु गुणवत्ता में सुधार के कार्य किए गए, जिनका कोई व्यापक प्रभाव देखने को नहीं मिला है।

    पिछले दिनों स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले 48 शहरों में मेरठ की स्थिति बेहद खराब आंकी गई थी। जगह-जगह फैला कूड़ा, फैक्ट्रियों की चिमनियों और खटारा वाहनों से निकलता धुएं के चलते शहर की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। सूची में मेरठ 33वें स्थान पर रहा। कचरा प्रबंधन पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी गत वर्ष की तुलना में एक अंक की गिरावट हुई।

    गाजियाबाद, दिल्ली जैसे शहरों से मेरठ की स्थिति बदतर है। मेरठ की स्थिति सुधरने की बजाय निचले पायदान पर खिसक गई। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट में मेरठ को 156.5 अंक मिले हैं। गत वर्ष मेरठ का फाइनल स्कोर 157. 5 अंक था और उसे 25वां स्थान मिला था। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में मेरठ की स्थिति लगातार गिर रही है। मेरठ की रैंक वर्ष 2022-23 में 15वीं थी। दो साल में 13.5 अंक की गिरावट आई है।