Meerut : क्या गोशाला की जमीन में मृत गोवंशी दबाए ? डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के मुद्दा उठाने पर मंगाई जेसीबी
Meerut News मेरठ के बराल परतापुर स्थित कान्हा उपवन गोशाला में पांच गोवंशियों की मौत के बाद निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने अव्यवस्था देखकर बहुत नाराजगी जताई। इसी के साथ राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि शिकायत मिली है कि गोशाला की खाली जमीन में मिट्टी भराव के दौरान मृत गोवंशियों को दबा दिया गया है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। गत दिनों हुई पांच गोवंशियों की मौत के बाद बराल परतापुर स्थित कान्हा उपवन गोशाला के निरीक्षण पर पहुंचे प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह अव्यवस्था देख भड़क उठे। कहा कि यहां व्यवस्था बिल्कुल ठीक नहीं है।
प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह को गोशाला के प्रभार से हटाने का निर्देश देते हुए नगर आयुक्त सौरभ गंगवार को तीन दिन के अंदर अस्थायी शेड बनाकर गोवंशियों की रखने का निर्देश दिया। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप शर्मा को गोशाला की व्यवस्था के लिए एक पशु चिकित्सक तैनात करने का निर्देश दिया।
इसी के साथ राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कुछ गोवंश को जमीन में दबाने की शिकायत मिलने की बात कही, जिस पर महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने उन स्थलों पर जेसीबी से खोदाई कराई।
प्रभारी मंत्री शनिवार दोपहर महापौर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक अमित अग्रवाल के के साथ कन्हा उपवन पहुंचे। उन्होंने गोवंशियों को दिए जा रहे चारे की व्यवस्था देखी, बीमार गोवंशियों के बारे में जानकारी ली। गोशाला में उन्हें सफाई व्यवस्था कुछ जगह सही नहीं मिली। दो शेड में व्यवस्था देखकर वह बोले कि बाकी शेडो में भी यही कार्य होना चाहिए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि गोवंशियों की मौत और अव्यवस्था को लेकर इस मामले की पूरी जांच जिला अधिकारी के द्वारा कराई जाएगी। जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गोशाला से सबंधित अभिनलेख भी नहीं मिले। बताया गया कि अभिलेख जांच समिति के पास हैं।
इसी दौरान राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि शिकायत मिल रही है कि गोशाला की खाली जमीन में पानी भर गया था। मिट्टी भराव के दौरान मृत गोवंशियों को वहां दबा दिया गया है। प्रभारी मंत्री के गोशाला से जाने के बाद महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने अधिकारियों के साथ अपने सामने अलग-अलग स्थानों पर गड्ढे कराकर चेक कराया। खोदाई के दौरान वहां पर कोई अवशेष नहीं पाए गए। महापौर का कहना है कि यहां गोवंश दबाए होते तो कुछ तो गंध आ रही होती।
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