UP : एसीएम चार की कोर्ट के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, मेरठ में एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई
Meerut News मेरठ में एंटी करप्शन टीम ने एसीएम चार की कोर्ट के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रणवीर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। पीड़ित संतरपाल के अनुसार रणवीर पारिवारिक जमीन के विवाद से संबंधित फाइल को तहसील भेजने के लिए रिश्वत मांग रहा था।

जागरण संवाददाता, मेरठ। एंटी करप्शन टीम में एसीएम चार की कोर्ट के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को पांच की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद आरोपित को सिविल लाइन थाने ले जाकर पूछताछ की जा रही है।
पीड़ित संतरपाल ने बताया कि उसका जनवरी 2021 में एसडीएम की कोर्ट में पारिवारिक जमीन का कुर्रेबंदी का विवाद चल रहा है। इस मुकदमे को एसीएम चार के यहां अगस्त 2021 में ट्रांसफर कर दिया गया। इसी वाद की फाइल तहसील भेजने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रणवीर पांच हजार की मांग कर रहा था। सोमवार को एंटी करप्शन की टीम 11 बजे एसीएम कोर्ट में संतरपाल के साथ पहुंची।
पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रणबीर को रंगे हाथों गिरफ्तार लेते हुए गिरफ्तार किया। संतरपाल ने आरोप लगाया कि एसीएम चार की कोर्ट में चल रहे विवाद में एक पेशकार ने उनसे 50 हजार रुपए मांगे थे। 26 अगस्त को फर्द पर चढ़ने का आदेश हुआ। उस आदेश को तहसील में पहुंचाने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रणवीर ने पांच हजार रुपये मांगे।
उधर, एंटी करप्शन की कार्रवाई के दौरान कार्यालय में अफरातफरी मच गई। कुछ देर बाद कार्यालय बंद हो गया।
प्लाट दिलाने के नाम पर वृद्धा से हड़पे 16 लाख
जागरण संवाददाता, मेरठ। सूरजकुंड के कांजी हाउस निवासी राजकुमारी ने बताया कि वह प्लाट खरीदने शेरगढ़ी निवासी आकाशदीप के पास गई तो उसने फरीद निवासी किठौर से मिलकर उसे शेरगढ़ी में प्लाट दिखाया। उसके कागजात भी दिखाए। प्लाट का मालिक दिल्ली जाफराबाद निवासी शाहिद अली व यासीन को बताया। उसने एक जनवरी-22 को प्लाट का बैनामा 16 लाख रुपये में करा लिया। प्रापर्टी डीलर ने प्लाट खरीदने को 11 लाख रुपये का लोन फुलटन फाइनेंस कंपनी से करा दिया।
राजकुमारी स्वजन संग जब प्लाट की नींव भरने पहुंची तो सरायकाजी निवासी सोनू अपने साथियों संग पहुंचा तथा खुद को प्लाट मालिक बताया। राजकुमारी ने आकाशदीप व फरीद से बातचीत की तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। आरोप है कि फुलटन कंपनी के कर्मचारी, अधिकारी भी इनसे मिले हुए है। बिना मालिक के उन्होंने धोखाधड़ी कर उसके नाम से 11 लाख का लोन कर रुपये का भुगतान कर दिया। शिकायत करने पर प्रापर्टी डीलर ने हत्या की धमकी दी। थाना मेडिकल पुलिस से शिकायत की तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। वहीं, एसएसपी ने सीओ सिविल लाइंस की जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है।
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