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    Punjab flood relief :पंजाब बाढ़ पीड़ितों का दर्द देख किन्नर गुरु मां से रहा न गया, वे यूं खड़ी हो गईं साथ देने के लिए

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 11:46 AM (IST)

    Meerut News किन्नर समाज ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए 59 हजार की मदद दी। छमिया गुरु मां के नेतृत्व में रामराज गुरुद्वारे में यह राशि सौंपी गई। गुरुद्वारा समिति ने इस कार्य को प्रेरणादायक बताया। गुरु मां पहले भी जरूरतमंदों की मदद कर चुकी हैं जिससे समाज में सकारात्मक संदेश गया है।

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    किन्नर समाज ने दिखाई मानवता की मिसाल, बाढ़ पीड़ितों के लिए दिया 59 हजार का सहयोग। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण. बहसूमा (मेरठ)। समाज सेवा की मिसाल कायम करते हुए किन्नर समाज से जुड़ी छमिया गुरु मां (गीता गुरुजी रामराज) ने पंजाब में आई भीषण बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। शनिवार शाम 6 बजे रामराज गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छमिया गुरु मां ने 50 हजार रुपये और अन्य किन्नरों ने 9 हजार रुपये मिलाकर कुल 59 हजार रुपये की धनराशि गुरुद्वारे समिति को सौंपी।

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    गुरुद्वारे के अध्यक्ष हरचंद सिंह व मैनेजर मनजीत सिंह को यह राशि दी गई। इस मौके पर गुरुद्वारे अध्यक्ष हरचंद सिंह ने कहा कि किन्नर समाज द्वारा किया गया यह कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक है और मानवता की सच्ची मिसाल है।

    छमिया गुरु मां ने बताया कि वह जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। अब तक वह कई निर्धन लड़कियों की शादी करा चुकी हैं और इस समय दो लड़कों व दो लड़कियों की परवरिश कर रही हैं, जिनकी पूरी पढ़ाई और खर्चा वह स्वयं उठा रही हैं।

    किन्नर समाज का यह कदम न सिर्फ बाढ़ पीड़ितों के लिए सहारा है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं।

    जलस्तर कम हुआ लेकिन बरसात के अलर्ट ने उड़ाई नींद : हस्तिनापुर : गंगा नदी के जलस्तर में शनिवार को काफी गिरावट दर्ज की गई हैं। परंतु मौसम विभाग द्वारा दिए गए भारी बरसात के अलर्ट ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। यदि बरसात हुई तो फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ना तय हैं और यदि जलस्तर बढ़ता है तो बस्तौरा गांव पर संकट गहरा सकता है। बिजनौर बैराज से गंगा नदी के जलस्तर में गिरावट आयी हैं। जिससे बस्तौरा गांव में सड़क से बह रहा पानी कम हुआ है।

    अवर अभियंता घनश्याम ने बताया कि शनिवार को गंगा का जलस्तर घटकर एक लाख 14 हजार क्यूसेक रह गया है। जबकि हरिद्वार से कमोबेश यही स्थिति है जिससे खादर क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। परंतु जैसे जैसे जलस्तर कम हो रहा है वैसे ही कटान तेज होता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा की नियति है कि जब जलस्तर कम होता है तो कटान तेज हो जाता है। गांव के सामने नदी कटान करते हुए काफी नजदीक आ गई है। जिससे गांव पर खतरा मंडरा रहा हैं। बस्तौरा गांव के मुख्य मार्ग पर पिछले दिनों पानी ने तेज कटान करके मार्ग को भारी क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसे ग्रामीणों ने रात दिन मेहनत कर बालू के कट्टे भरकर सड़क किनारे लगाए। जिससे सड़क कटने से बच गई। नही तो गांव का नजारा कुछ और ही होता।

    ग्रामीणों की मेहनत से स्थिति खराब होने से बच गई। वहीं मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी आ रही है और बाइक सवार भी चोटिल हो रहे है। वहीं जिन पशुपालकों के पास भूमि नहीं है और उनके पास भूसा रखने की भी गुंजाइश नहीं है और दूध की ब्रिकी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते है उनके सामने चारे का गंभीर संकट है वही उनके रोजगार को भी हानि हुई है। शनिवार को प्रशासन ने बांटी राहत सामग्री नायब तहसीलदार अंकित तोमर व नितेश कुमार ने बस्तौरा गांव में पहुंचकर लोगों को बाढ़ राहत किट वितरित की।

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