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    Meerut News : अवैध हथियार बनाने का कारखाना चलाने पर 32 साल चला केस, दोषी को तीन साल की सजा

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 06:27 PM (IST)

    Meerut News मेरठ में 32 साल पहले अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इस मामले में अदालत ने एक आरोपित रमेश को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है जबकि दूसरे आरोपित उत्तम सिंह की मौत हो चुकी है। लंबी सुनवाई के बाद रमेश को आयुध अधिनियम के तहत दोषी पाया गया। उस पर जुर्माना भी लगाया गया है।

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    अवैध हथियार रखने पर 32 साल चला मुकदमा, तीन साल की हुई सजा (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। नलकूप पर अवैध हथियार बनाने का कारखाना पकड़ने का मुकदमा 32 साल तक चला। उसके बाद अदालत ने एक आरोपित रमेश को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि दूसरे आरोपित की मौत हो चुकी है।

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    तीन दशक चली सुनवाई के बाद आरोपित का मामले में शामिल होना पाया गया। न्यायिक दंडाधिकारी सरधना रजत शुक्ला की अदालत ने मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए मुजरिम को तीन वर्ष साधारण कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में अभियुक्त को 10 दिन अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

    1993 की है घटना

    यह घटना 20 जून 1993 की है। सरधना पुलिस ने सलावा गांव के जंगल में गश्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर कुशावली चुंगी स्थित उत्तम सिंह के नलकूप पर छापा मारा था। नलकूप पर तमंचा बनाने का कारखाना संचालित हो रहा था। पुलिस ने नलकूप स्वामी सलावा निवासी उत्तम सिंह और साथी रमेश को गिरफ्तार किया गया था। मौके से बने और अधबने तमंचे व इन्हें बनाने के उपकरण बरामद किए थे। 

    थाना सरधना में दर्ज किया गया था आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा

    आरोप था कि उत्तम सिंह और रमेश अवैध हथियार बनाने और सप्लाई करने का काम करते हैं। इस आधार पर उनके खिलाफ थाना सरधना में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उत्तम सिंह की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई। 

    करीब तीन दशक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर रमेश की संलिप्तता साबित की। अदालत ने माना कि अभियुक्त का कृत्य आयुध अधिनियम की धारा 5/25 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अदालत ने रमेश को दोष सिद्ध पाए जाने पर सजा सुना दी है।

    हत्यारे को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, मेरठ। न्यायालय अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पवन कुमार शुक्ला ने कृष्णपाल की हत्या के आरोपित टीटू पुत्र ओमवीर निवासी ग्राम निलोहा मवाना को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

    सरकारी अधिवक्ता मुकेश कुमार मित्तल ने बताया, इन्द्रावती निवासी ग्राम निलोहा ने मवाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि टीटू का जमीन संबंधी मुकदमा उनसे चल रहा था। इसी की रंजिश में आरोपित ने उनके बेटे पवन की हत्या कर दी थी। इस मामले की पैरोकारी पति कृष्णपाल कर रहे थे। वह मुकदमे में गवाह थे।

    24 नवंबर 05 को कृष्णपाल व भाई भीष्म गांव से बाहर कहीं जा रहे थे। आरोपित टीटू ने कृष्णपाल को घेरकर फायरिंग की। इसमें कृष्णपाल की मौके पर मृत्यु हो गई थी। आरोपित के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। सरकारी वकील ने मुकदमे में छह गवाह पेश किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी को सजा सुनाई।