Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Meerut News : लाभूराम और सुरेश ने दो साल में बनाईं सौ फर्जी कंपनियां, मेरठ के जीएसटी चोरों से है जुड़ाव

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 12:40 PM (IST)

    मेरठ में दो साल में सौ से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाकर लाभूराम और सुरेश गिरोह ने जीएसटी चोरी की। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि उन्हें प्रति बिल केवल तीन हजार रुपये मिलते थे। गिरोह के तार मेरठ और हैदराबाद से जुड़े हैं। लाभूराम और सुरेश बेरोजगार युवकों के कागजात से फर्जी सिम निकालकर जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन फर्जी कंपनी रजिस्टर करते थे।

    Hero Image
    गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों से 248 करोड़ के बिल बनाकर की 45 करोड़ की जीएसटी चोरी

    जागरण संवाददाता, मेरठ : दो साल में सौ से ज्यादा फर्जी कंपनी खोलकर अरबों की जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के सरगना लाभूराम और सुरेश को अभी तक एसटीएफ गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि उन्हें प्रत्येक बिल पर सिर्फ तीन हजार रुपये मिलते थे। बाकी रकम दोनों आरोपित खुद रखते थे। दोनों के तार हैदराबाद और मेरठ से भी जुड़े मिले हैं। इसके आधार पर एसटीएफ मामले की विस्तार से जांच कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसटीएफ की गिरफ्त में आए पांच आरोपित

    एसटीएफ की गिरफ्त में आए पांचों आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सभी लोग राजस्थान के रहने वाले हैं, जो आपस में रिश्तेदार और परिवार के हैं। बेंगलुरु में किराए पर रह रहे थे। अपने जान पहचान के लाभूराम पुत्र फगलूराम निवासी कोटडा थाना करडा, जालौर और सुरेश निवासी बाडमेर उन्हें लेकर बंगलुरु आए थे।

    लाभूराम और सुरेश बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर उनके सभी कागजात हासिल कर लेते हैं। उन कागजात पर फर्जी सिम निकलवाकर जीएसटी पोर्टल पर आनलाइन फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड करते हैं। इसका प्रयोग फर्जी ई-वे बिल बनाकर करोड़ों की जीएसटी चोरी करते आ रहे हैं।

    दो साल से जीएसटी के फर्जी बिल काट रहे हैं

    पकड़े गए आरोपित पिछले दो साल से जीएसटी के फर्जी बिल काट रहे हैं। आरोपितों के कब्जे से बरामद मोबाइल, बिल बुक, चेक बुक सभी लाभूराम व सुरेश ने मुहैया कराई थी। आरोपितों ने बताया कि जीएसटी बिल काटने की एवज में यह लोग उन्हें प्रति बिल तीन हजार कमीशन देते थे। किस कंपनी के कितने बिल काटने हैं, इसकी डिटेल वाट्सएप पर दी जाती थी। सुरेश व लाभूराम ही फर्जी कंपनियों के बनाए बैंक खातों में रकम लेते थे।

    अपना 10 से 20 प्रतिशत कमीशन काटकर रकम कंपनी द्वारा बताए किसी अन्य खाते में या नगद के तौर पर कंपनी को वापस कर देते थे। फर्जी कंपनी को कुछ समय बाद बिना जीएसटी जमा किए बंद कर देते हैं। इस तरह से आरोपित सरकार को अरबों रुपये का का नुकसान पहुंचा चुके हैं।

    बेंगलुरु में बैठकर जीएसटी चोरी का धंधा करने वाले गिरोह के तार मेरठ और हैदराबाद से भी जुड़े हैं। लाभूराम और सुरेश का मेरठ के रहने वाले जीएसटी चोरों से भी जुड़ाव सामने आया है। बताया जाता है कि मेरठ के कुछ लोग हैदराबाद में जीसीएसटी चोरी कर रहे हैं।

    यह भी पढ़ें : Meerut : UP STF ने अरबों की GST चोरी का किया पर्दाफाश, फर्जी आधार और PAN से 'बदमाश कंपनी' बनाकर करते थे खेल

    एसटीएफ की टीम उन पर भी नजर बनाए हुए है। सर्विलांस के माध्यम से सभी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ा जाएगा।