Meerut: आन डिमांड मनचाहे नंबरों वाली फर्जी मार्कशीट कर रहे थे तैयार, गंगानगर के फ्लैट से तीन गिरफ्तार
Meerut News मेरठ में एसटीएफ ने गंगानगर क्षेत्र में छापेमारी कर फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपित यूपी बोर्ड और एसओएस बोर्ड की फर्जी मार्कशीट बनाते थे। गिरोह छात्रों के नंबर बढ़ाकर अच्छे कालेजों में दाखिला कराने और बैक डेट में मार्कशीट तैयार करने का काम करता था। इसके लिए छात्रों से मोटी रकम वसूली जाती थी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगानगर के एक फ्लैट के अंदर उप्र माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद (Uttar Pradesh State Open School Board) का फर्जी कार्यालय चल रहा था। एसटीएफ की टीम ने घर के अंदर फर्जी बोर्ड संचालित करने के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
फ्लैट के अंदर बोर्ड और विभिन्न स्कूलों की मोहरे तथा कंप्यूटर के साथ-साथ फर्जी मार्कशीट भी बरामद की। यहां पर यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट एडिट कर नंबर बढ़ाए जाते थे, जिससे प्रतिशत बढ़ने पर अच्छे कालेज में एडमिशन हो सकें।
मुखबिर की सूचना पर की छापेमारी
एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने पुलिस लाइंस स्थित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुखबिर की सूचना पर टीम के साथ गंगानगर के एफ-230 फ्लैट में छापामारी की गई। वहां पर यूपी बोर्ड की मार्कशीट एडिट की जा रही थीं, जबकि एसओएस बोर्ड की बैक डेट में मार्कशीट बनकर तैयार कराई जा रही थी। मौके से एसटीएफ ने जितेंद्र कुमार निवासी पांडव नगर सिविल लाइन, शिवकुमार निवासी अपोजिट केएल इंटर नेशनल स्कूल जागृति बिहार और निखिल तोमर निवासी आर्य नगर जेल चुंगी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि जिन छात्र-छात्राओं को उच्च संस्थान में प्रवेश लेना होता है, लेकिन मार्कशीट में उनके अंक उन संस्थानों में प्रवेश पाने हेतु पर्याप्त नहीं होते। उन छात्रों की मार्कशीट में प्रदर्शित प्राप्तांक में कंप्यूटर के माध्यम से असली अंकों को एडिट कर फर्जी तरीके से प्राप्तांक बढ़ाकर नई मार्कशीट तैयार कर देते हैं। यानि मार्कशीट 40-50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के अंक बढ़ाकर 75 से 90 प्रतिशत तक कर दिए जाते है। उक्त अंकों के आधार पर उन्हें मनचाहे संस्थान में एडमिशन मिल जाता है।
मार्कशीट दस और टीसी तीन हजार रुपये में कर रहे थे तैयार
प्रत्येक मार्कशीट को एडिट करने के लिए दस हजार की रकम वसूली जाती है। यदि किसी को टीसी की जरूरत है, तब प्रत्येक स्कूल की टीसी तीन हजार रुपये में तैयार कर देते हैं। उनके पास से विभिन्न स्कूलों की मोहरे भी प्राप्त हुई हैं।
बिना परीक्षा दिलाए बैक डेट की मार्कशीट कर रहे थे तैयार
एसओएस बोर्ड की बिना परीक्षा दिलाए छात्रों की बैक डेट की हाईकूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट तैयार कर दी जाती है। जितेंद्र ने पूछताछ में बताया कि उनका एक साथी लखनऊ में है। उसके माध्यम से ही यह मार्कशीट तैयार की जाती है। यहां से छात्र का आधार कार्ड व फोटो लखनऊ में अपने साथी को भेज देते हैं। वह 10-15 दिन में मार्कशीट बनाकर, पोर्टल पर चढाकर कोरियर के माध्यम से भेज देता है।
लखनऊ में अपने साथी को यह गिरोह के सदस्य एक मार्कशीट का पांच हजार रुपये भेजते हैं, जबकि छात्र से 10 से 15 हजार रुपये की वसूली करते हैं। उक्त आरोपितों के खिलाफ एसटीएफ की तरफ से गंगानगर थाने में बीएनएस की धारा 318(4), 336 (3), 338, 340(2), 3(5), 61(2) के तहत मुकदमा दर्ज कराया। उसके बाद सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
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