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    मेरठ पुलिस की कस्टडी से भागा 50 हजार का इनामी इरफान नाम बदलकर बना अमन चौहान, 12 साल बाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    Meerut News मेरठ में एसटीएफ ने 12 साल पहले फरार दोहरे हत्याकांड के आरोपि‍त इरफान को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर ल‍िया। 2013 में पुलिस हिरासत से फरार होने के बाद उसने पहचान बदल ली थी। परिवार से संपर्क करने पर एसटीएफ की रडार पर आया जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। इरफान पर 50 हजार का इनाम था।

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    पुलिस कस्टड़ी से भागा 50 हजार का इनामी इरफान महाराष्ट्र से गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, मेरठ। एसटीएफ ने दोहरे हत्याकांड के आरोपित 50 हजार के इनामी इरफान को 12 साल बाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया। 2013 में जेल के अंदर गैंगवार के दौरान इरफान घायल हो गया था। उसे उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था। यहां से पुलिस हिरासत से वह भाग गया था। हाल में आरोपित ने परिवार के लोगों से संपर्क किया। तब एसटीएफ की रडार पर आ गया। एसटीएफ महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आ रही है।

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    पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि थाना सरूरपुर के हर्रा निवासी इरफान को दुकान मोहमदिया मस्जिद बाजेगांव थाना नांदेड ग्रामीण जनपद नांदेड (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया है। इरफान पर मेडिकल थाने से 50 हजार का इनाम है, जो 12 साल से महाराष्ट्र में छिपा था। आरोपित इरफान पहले हर्रा में जुल्फिकार की मिठाई की दुकान पर चांदी का वर्क बनाने का काम करता था। उसी दुकान पर कुछ लड़कियां भी काम करने आती थीं। वर्ष 2006 में दुकान पर आने वाली लड़कियों से इरफान छेड़छाड़ कर रहा था।

    जुल्फिकार के विरोध करने पर इरफान ने उसकी गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। जुल्फिकार की 13 साल की बेटी साजू ने वारदात देख ली थी, इरफान ने साजू की भी हत्या कर दी थी। दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने इरफान को जेल भेज दिया था। अप्रैल 2013 में जेल के अंदर गैंगवार होने पर इरफान घायल हुआ था। उसे मेडिकल कालेज के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से 25 अप्रैल 2013 को वह फरार हो गया था।

    बिहार में नौ साल तक दवाखाना खोल बेचता रहा दवा

    मेरठ : पूछताछ में उसने बताया कि परतापुर से ट्रक में सवार होकर दिल्ली और वहां से ट्रेन में सवार होकर कर्नाटक पहुंच गया था। वहां पांच दिन रुकने के बाद मुुंबई चला गया। दस दिन बाद वहां से भी समस्तीपुर बिहार पहुंच गया। बिहार में दादा हकीम हाजी महमूद मूदा के पास रहकर देशी दवाइयों के बारे में जानकारी ली। साथ ही एक दवाखाना खोल लिया।

    समस्तीपुर से दोस्तों के साथ शिरड़ी घूमने चला गया। वहां पर नारियल पानी बेचने वाले शेख मोहम्मद से दोस्ती की। उसकी लड़की परवीन बानो से दोस्ती कर ली। परवीन बानो को अपने साथ भगाकर धर्मपुर बिहार ले आया और उससे निकाह कर किराए के मकान में रहने लगा। वहां पर आधार कार्ड की जरूरत पड़ी, तब पत्नी को लेकर दिल्ली आया।

    उसके बाद अपना नाम अमन चौहान पुत्र गुड्डू चौहान रखा। अमन चौहान निवासी खजूरी बाग उत्तर पूर्वी दिल्ली व पत्नी का आधार कार्ड रूबी चौहान के नाम से बनवाया। फिर वापस बिहार आकर नौ साल तक दवाखाना पर दवा बेचता रहा। उसके बाद पत्नी व बच्चों को लेकर जनपद नांदेड (महाराष्ट्र) के ग्राम बाजेगांव पहुंचा और किराये की दुकान लेकर दवाखाना खोल दिया।

    इसी बीच इरफान उर्फ अमन चौहान ने अपने परिवार से संपर्क किया। उस पर मेडिकल पुलिस 50 हजार का इनाम घोषित कर चुकी थी। तभी से एसटीएफ भी निगरानी कर रही थी। परिवार से संपर्क करने पर इरफान एसटीएफ की रडार पर आ गया। एसटीएफ ने शनिवार को उसे बाजेगांव से गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद ट्राजिट रिमांड पर मेरठ लेकर आ रही है।

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