Meerut News : मेरठ के नाले तो लखनऊ से भी ज्यादा जानलेवा... सबक लेने को तैयार नहीं जिम्मेदार
Meerut News मेरठ में नालों की स्थिति लखनऊ से भी ज्यादा खतरनाक है। शहर के कई इलाकों में नाले खुले हैं जिनकी दीवारें टूटी हुई हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। मोहनपुरी और बच्चा पार्क चौराहा जैसे क्षेत्रों में भी नाले असुरक्षित हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की।

जागरण संवाददाता, मेरठ। लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में पत्थर टूटा होने से नाले में बहने से युवक की मौत हो गई। जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रणाली की विफलता माना है।
अगर मेरठ के नालों की पड़ताल करें तो ये लखनऊ के नालों से ज्यादा भयावह हैं। सड़कों से सटी नालों की दीवारें टूटी पड़ी हैं। जरा सी चूक हुई तो वाहन सहित चालक सीधे नाले में घुस जाएंगे। बरसात में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
जलभराव के दौरान सड़क और नाले की सीमा का पता नहीं चलता है। पूर्व में हादसे होने के बावजूद निगम बेपरवाह बना है।
मोहनपुरी नाले किनारे से आने-जाने में डरते हैं लोग
सुभाष नगर निवासी अंकुर कहते हैं कि एनएएस कालेज के पीछे मोहनपुरी नाले की पुलिया के आगे करीब 50 मीटर नाले की दीवार साल भर पहले टूट गई थी। पिछली बरसात में उस वक्त एक कार सवार दीवार न होने से कार सहित नाले में गिर गया था। जिसे जेसीबी से बाहर निकाला गया था।
उस घटना के बाद से कई बार स्थानीय लोगों ने नाले की दीवार बनवाने की गुहार लगाई। लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर बरसात आ गई है।
बच्चा पार्क चौराहा से गुजर रहे नाले की दीवार साल भर पहले टूटी
स्थानीय निवासी आकाश ने बताया कि लोगों ने अपने से कुछ दूरी पर बांस-बल्ली लगाई है। निगम ने कुछ नहीं किया। क्षेत्रीय पार्षद पवन चौधरी ने कहा कि निर्माण अनुभाग से दीवार बनाने का कई बार अनुरोध किया। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ।
बच्चा पार्क चौराहा से गुजर रहे नाले की दीवार साल भर पहले टूटी थी। नगर निगम के निर्माण अनुभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था। दावा था कि बरसात से पहले मरम्मत करा दी जाएगी। लेकिन मानसून की दस्तक हो गई।
खैरनगर से बच्चा पार्क चौराहे तक करीब दो मीटर दीवार नहीं है। सीधे सड़क की तरफ नाला खुला हुआ है। बच्चा पार्क चौराहे से थापर नगर रोड पर करीब तीन मीटर नाले की दीवार नहीं है। सड़क किनारे नाला खुला हुआ है। दो फीट तक जलभराव होता है। नाला और सड़क एक हो जाते हैं।
यह बोले, नगर निगम के मुख्य अभियंता
नगर निगम मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार का कहना है कि दोनों ही स्थानों पर एई-जेई की टीम भेजी गई थी। एस्टीमेट पहले ही बन गए थे। नालों किनारे ऊंची दीवार बनाने का कार्य जल्द कराया जाएगा। दीवार निर्माण होने तक सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेडिंग भी की जाएगी।
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