Meerut Weather Update : वर्षा के बाद बदला मौसम, यह रखें सावधानी, वरना बिगड़ सकती है आपकी सेहत
Meerut News बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतना जरूरी है। डाक्टरों के अनुसार संतुलित खानपान नियमित व्यायाम और उचित सावधानी से वायरल संक्रमण से बचा जा सकता है। गले में खराश और फेफड़े के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हृदय रोगियों और ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। मौसम का बदलाव जारी है। मेरठ और आसपास के जिलों में सोमवार को हुई बरसात के बाद शाम को ठंडक का एहसास होने लगा। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत होने की जरूरत है। संतुलित खानपान, नियमित व्यायाम के जरिए खुद को बदलते मौसम में फिट रख सकते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक, बदलते मौसम में गले में खराश और फेफड़े के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इन दिनों वायरल संक्रमण से परेशान काफी मरीज लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज की ओपीडी और प्राइवेट चिकित्सकों के यहां पहुंच रहे हैं।
ऐसा रखें अब खानपान
विशेषज्ञों के अनुसार गर्म सूप, अदरक और तुलसी की चाय, सूखे मेवे जैसे बादाम व अखरोट, पालक और विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल जैसे संतरा, आंवला, किवी का सेवन कर सकते हैं। शरीर को ऊर्जा देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अंडे, दाल, सोयाबीन, बाजरे की रोटी, प्रोटीन व फाइबर युक्त भोजन करें। मौसमी हरी सब्जियों का सेवन करें। ठंडी चीजें शाम के बाद न खाएं। ठंडा पानी, तली हुई चीजों से परहेज करें।
प्रतिदिन 10 हजार कदम चलें
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि आरामदेह जीवनशैली की वजह से बीमारियां जल्दी पकड़ती है। नियमित 30 मिनट टहलें, योग करें। प्रतिदिन 10 हजार कदम चलें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। हृदय और फेफड़ों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। ऊर्जा का स्तर ठीक रहता है। शुगर और कुछ प्रकार के कैंसर, बीपी के जोखिम को भी कम करने में सहायता मिलती है। वजन कम होता है। चिंता और अवसाद को कम करता है। नींद अच्छी आती है।
नम वातावरण में और बढ़ सकता है वायरल संक्रमण: डा. वीरोत्तम तोमर
वरिष्ठ सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर कहते हैं कि अक्टूबर की बरसात परेशान कर सकती है। वायरल संक्रमण पहले से चल रहा है। नम वातावरण में यह और बढ़ सकता है। सावधान रहने की जरूरत है। सांस रोगी प्रिवेंटिव इन्हेलर की मात्रा बढ़ा सकते हैं। यदि वायरल बुखार होता है तो चिकित्सक को दिखाएं। स्वयं एंटी बायोटिक दवा न लें। इससे नुकसान हो सकता है। अस्थमा, सीओपीडी और फेफड़े में संक्रमण बढ़ने पर सांस फूलने की स्थिति बन सकती है। इसे नजर अंदाज न करें।
हृदय रोगी और ब्लड प्रेशर के मरीजों को अधिक सावधानी की जरूरत: डा. तनुराज सिरोही
वरिष्ठ फिजिशियन डा. तनुराज सिरोही का कहना है कि बरसात से अब वातावरण में ठंड की दस्तक होगी। ऐसे में सर्दी, जुकाम, खांसी वायरल संक्रमण, निमोनिया परेशान कर सकता है। हृदय रोगी और ब्लड प्रेशर के मरीजों को अधिक सावधानी की जरूरत है। ठंड बढ़ने के साथ दिल का दौरा, ब्लड प्रेशर बढ़ने के मामलों मं वृद्धि होती है। एसी का उपयोग कम कर दें। अत्यधिक ठंडी चीजों के सेवन से बचें। ये वायरल संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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