Meerut : छांगुर के गुर्गे बदर अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज, निलंबित इंस्पेक्टर पर विभागीय जांच बैठी
Meerut News चर्चित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का गिरोह मेरठ में भी सक्रिय रहा है। छांगुर का राजफाश होने के बाद उसके गिरोह के सदस्य शहर निवासी बदर अख्तर स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। बलरामपुर में मतांतरण के मामले में सुर्खियो में आए छांगुर के लिए मेरठ का बदर अख्तर सिद्दकी भी युवतियों को प्रेमजाल में फंसाता था। आशा नेगी को भी बदर अख्तर ने प्रेमजाल में फंसाया। छह साल से आशा नेगी का उसके परिवार से संपर्क कटा हुआ है। तब भी स्वजन की तरफ से बदर अख्तर सिद्दकी पर अपहरण और मतांतरण कराने का आरोप लगाया था।
उस समय सिविल लाइन थाने के प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दिकी थे। उन्होंने बदर अख्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। छांगुर बाबा गिरोह का मामला उजागर होने पर आशा नेगी के परिवार ने दोबारा बदर अख्तर के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। उधर, निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
यह है मामला
लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के किदवई नगर इस्लामाबाद निवासी बदर अख्तर सिद्दकी छांगुर बाबा गिरोह के लिए काम करता है। आरोप है कि वर्ष 2019 में बदर अख्तर सिद्दीकी ने सरूरपुर की प्रिया त्यागी को प्रेमजाल में फंसाकर अगवा किया। उसका मुकदमा भी सरूरपुर में दर्ज हुआ।
एटीएस अभी इस मामले की जांच कर रही थी। इसी बीच आशा नेगी का मामला सामने आ गया। भाई अनिल नेगी ने बताया कि आशा का बीमा होना था। एलआइसी एजेंट महमूद अख्तर सिद्दकी ने आशा से आधार कार्ड से लेकर अन्य कागजात लिए थे। तब उनके बेटे बदर अख्तर सिद्दकी का फोन आशा पर आने लगा। 2009 में मेरठ के एक काल सेंटर में आशा नौकरी करने लगी थी।
दोनों में काफी बातचीत होने लगी। उसके बाद आशा ने दिल्ली हाईवे स्थित एक मेडिकल कालेज में नौकरी शुरू की। 2015 में नोएडा के एक मीडिया ग्रुप में नौकरी करने लगी। भाई ने आरोप लगाया कि बदर अख्तर ने उसका मतांतरण कराया था।
जून 2018 में आशा नेगी से परिवार की अंतिम बार हुई थी फोन पर बात
2018 में बजाज फाइनेंस कंपनी के कुछ कर्मचारी घर आए थे। उन्होंने बताया था कि आशा नेगी के नाम से क्रेडिट कार्ड पर एलइडी ली गई है। जून 2018 में आशा नेगी से अंतिम बार फोन पर बात हुई थी। उसके बाद उसने वाट्सएप मैसेज पर बताया था कि बदर दूसरी लड़की से प्यार करने लगा है, जो उसकी हत्या की धमकी दे रहा है।
2019 में आशा का परिवार सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था। तब सिविल लाइन थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दकी ने मामला नोएडा का बताकर मुकदमा दर्ज करने से इन्कार कर दिया था। एटीएस की जांच रिपोर्ट के बाद गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड़ ने अब्दुल रहमान को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी। गुरुवार को भाई अनिल नेगी ने एसएसपी को शिकायत पत्र दिया। तब पुलिस ने सिविल लाइन थाने में बदर अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस छह साल पहले सबूत जुटाकर करेगी कार्रवाई
डीआइजी कलानिधि नैथानी का कहना है कि छांगुर गिरोह के बदर अख्तर सिद्दकी की विस्तृत जांच के लिए पुलिस ने आशा नेगी अपहरण कांड और मतांतरण का मुकदमा सिविल लाइन थाने में दर्ज किया है। पुलिस टीम छह साल पहले के सबूत जुटाकर बदर अख्तर पर कार्रवाई करेगी। साथ ही आशा नेगी के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।

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