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    मेरठ में सर्दी से बचाव के लिए आश्रय स्थलों के गोवंश पहनेंगे 'कोट', 25 हजार बोरों से बनेंगे

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 10:30 PM (IST)

    मेरठ में गो आश्रय स्थलों के गोवंशी को सर्दी से बचाने के लिए कोट पहनाए जाएंगे। जिला पूर्ति विभाग 25 हजार खाली बोरे उपलब्ध कराएगा, जिनसे स्वयं सहायता सम ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। जनपद के गो आश्रय स्थलों, गोशाला और कान्हा गोशाला में रहने वाले गोवंशी सर्दी से बचने के लिए कोट पहनेंगे। ये कोट पूर्ति विभाग के 25 हजार खाली बोरों से स्वयंसहायता समूह की महिलाओं की मदद से तैयार किए जाएंगे। जिला पूर्ति अधिकारी ये खाली बोरे उपलब्ध कराएंगे।

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    सात दिन में कोट तैयार करके गोवंशी को पहना दिए जाएंगे। गो आश्रय स्थलों की अनुश्रवण समिति की बैठक में जिलाधिकारी डा. वी के सिंह ने यह निर्देश दिया है।

    उन्होंने तीन दिन के भीतर ही सभी गो आश्रय स्थलों में छह-छह सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराकर उन्हें विकास भवन और लखनऊ मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जोड़ने का निर्देश भी दिया ताकि आश्रय स्थलों की 24 घंटे निगरानी की जा सके।

    विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में कुल 28 गोशाला और गो आश्रय स्थल हैं। जिनमें से 15 में कैमरे लगे हैं लेकिन उनमें भी कैमरों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गो आश्रय स्थल में छह-छह कैमरे सात दिन में हर हाल में लगाए जाएं।

    विकास खंडों के गो आश्रय स्थलों में पंचायत निधि से यह काम कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि आश्रय स्थलों में रहने वाले गोवंशी को भीषण सर्दी से बचाने के लिए उन्हें काऊ कोट पहनाया जाए। इन कोट के लिए जिला पूर्ति विभाग 25 हजार खाली बोरे उपलब्ध कराएगा।

    सात दिन के भीतर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मदद से ये कोट तैयार करके गोवंशी को पहना दिए जाएं।

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. संदीप शर्मा ने बैठक में बताया कि आश्रय स्थलों में 5121 गोवंशी संरक्षित हैं। जबकि लगभघ छह हजार गोवंशी सहभागिता के तहत किसानों को दिए गए हैं। प्रत्येक महीने की आर्थिक मांग को शासन से तय समयसीमा में किया जाए।

    आश्रय स्थलों में जलाएं अलाव, सर्दी से न ही किसी गोवंशी की मौत

    डीएम ने कहा कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले गोवंशी को तुरंत नजदीक के गो आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए। किसी भी गोवंशी की सर्दी के कारण मौत न हो. इसके लिए आश्रय स्थलों में अलाव भी जलवाए जाएं। बिजली पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी की जाए।

    उन्होंने ईओ मवाना, खरखौदा, सिवालखास और खिवाई को उनके क्षेत्र में निर्माणाधीन कान्हा गोशालाओं को हर हाल में 15 दिवस में पूर्ण कराकर क्रियाशील कराने का निर्देश दिया। बैठक में सीडीओ नूपुर गोयल, सीवीओ डा. संदीप शर्मा मौजूद रहे।

    हर गोवंशी को मिलेगा भूसा, हरा चारा और पशु आहार

    डीएम ने कहा, नए शासनादेश के मुताबिक प्रत्येक गोवंशी को रोजाना तीन किलो भूसा, पांच किलो हरा चारा और आधा किलो पशु आहार हर हाल में दिया जाना है। उन्होंने इसका सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया। इसके लिए एसडीएम सरकारी भूमि पर चारे की खेती कराएं।