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    4 साल में नवंबर में सबसे कम 7.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा मेरठ का न्यूनतम पारा, दिसंबर के शुरुआत में सताएगी शीतलहर

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 12:12 PM (IST)

    मेरठ में पिछले चार वर्षों में नवंबर में सबसे कम, 7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। दिसंबर की शुरुआत में शीतलहर चलने की आशंका है, जिससे ठंड और बढ़ने की संभावना है। लोगों को अभी से कड़ाके की ठंड का अनुभव हो रहा है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर में इस बार सर्दी ने पिछले वर्ष की तुलना में पहले दस्तक दे दी है। नवंबर अभी समाप्त नहीं हुआ है और न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। चार साल में पहली बार नवंबर में तापमान में इतनी गिरावट हुई है।

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    वहीं, दिन में मौसम साफ रहा और तेज धूप खिली रही। इससे पहले वर्ष 2021 में 24 नवंबर को इससे कम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। तापमान गिरने से रात में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में रहा, जबकि दोपहर में लगभग 20 दिन बाद पीएम 2.5 की मात्रा संतोषजनक स्थिति में रिकॉर्ड हुई।

    बुधवार की शाम से तेज ठंडी हवा महसूस की गई। सीजन में पहली बार इतनी ठंड महसूस की गई। रात बीतते-बीतते तापमान सामान्य से दो डिग्री नीचे पहुंच गया। यह न सिर्फ सीजन की बल्कि चार साल में नवंबर की सबसे ठंडी रात रही।

    गुरुवार को अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों ने दिसंबर के आरंभ में शीतलहर चलने की आशंका जताई है। कोहरा पड़ने की भी आशंका है, जिससे ठिठुरन और बढ़ेगी।

    ओजोन खराब स्तर पर पहुंची

    प्रदूषण और तापमान का सीधा संबंध जनपद में नजर आ रहा है। रात में तापमान गिरने और आर्द्रता बढ़ने से पीएम 2.5 की सांद्रता 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आसपास बनी रही। गुरुवार को सुबह 10 बजे जयभीम नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 रहा।

    दोपहर 12 बजे के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार देखा गया। दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक पीएम 2.5 की मात्रा 100 से कम रही। शाम चार बजे मेरठ का एक्यूआई 308 रहा। हालांकि पीएम 2.5 की मात्रा कम होने के बावजूद ओजोन का स्तर खराब स्थिति में पहुंच गया।

    बताते चलें कि बेहद विषाक्त ओजोन गैस सूरज की किरणों की उपस्थिति में वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाली दूषित गैसों के परस्पर अंतर क्रिया के फलस्वरूप बनती है। यह भी सांस के रोगियों के लिए बेहद नुकसानदेह है।

    सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर यूपी शाही ने बताया कि दिसंबर तक ठंड में और वृद्धि होगी। रात में आर्द्रता का प्रतिशत बढ़ा हुआ है। जिससे कोहरा पड़ने की भी आशंका है।

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