मेरठ में रजवाहा की पटरी टूटी, कस्बे में आबादी तक पहुंचा पानी, फसलों को भारी नुकसान
Meerut News मेरठ के करनावल कस्बे में सलाव रजवाहा की पटरी टूटने से खेतों में जलभराव हो गया। किसानों की हरे चारे की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। रजवाहे का पानी करनावल की आबादी तक पहुंच गया जिससे निवासियों में डर का माहौल है। चेयरमैन ने सिंचाई विभाग को सूचित कर पानी बंद कराया।

संवाद सूत्र, जागरण, रोहटा (मेरठ)। करनावल कस्बे के जंगल में सोमवार शाम को सलावा राइट रजवाहा की पटरी टूट गई। टूटी पटरी के कारण खेतों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे किसानों की हरे चारे की फसल को भारी नुकसान हुआ। रजवाहे का पानी करनावल की आबादी तक पहुंच गया।
सोमवार दिन में भारी बरसात के बाद रजवाहे की पटरी टूट गई। रजवाहे का पानी खेतों में घुस गया। पानी से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। खेतों में खड़ा पानी किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। पानी के कारण धान, ज्वार और हरे चारे की अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। करनावल में रजवाहे का पानी घरों तक पहुंचने से स्थानीय निवासियों में डर का माहौल बन गया है। चेयरमैन लोकेंद्र कुमार ने सिंचाई विभाग को जानकारी देकर रजवाहे के पानी को बंद कराया। किसानों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से रजवाहे की मरम्मत की मांग की है, जिससे आने वाले समय में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। वहीं सिंचाई विभाग के जिलेदार विनय त्यागी ने बताया कि सूचना मिलने पर ऊपरी गंग नहर से रजवाहे का पानी बंद करा दिया है। रजवाहे में पानी कम होने पर टूटी पटरी की मरम्मत कराई जाएगी।
जलस्तर बढ़ा, जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग
संवाद सूत्र, बढ़ापुर (बिजनौर)। पहाड़ा नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी पार के ग्रामीणों की मुश्किलें फिर बढ़ गई है। ग्रामीण अपनी और अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं। अभी हाल ही में ग्राम पंचायत की ओर से खरीदी गई कश्ती नाविक के अभाव में शोपीस बनी है। नदी पार के गांव सरदारपुर, चकउदयचंद, काशीवाला, बहेड़ी के ग्रामीणों का आवागमन कुछ समय के लिए बंद हो गया।
एक सप्ताह पहले नदी का जलस्तर बढ़ने पर चकउदयचंद निवासी ओमराज सिंह की समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी। तभी ग्राम पंचायत चकउदयचंद के ग्राम प्रधान परशुराम सिंह ने पंचायत के खाते से 30 हजार रुपये की कश्ती खरीदी थी। दो-तीन दिन ग्रामीणों ने नदी में कश्ती चलाई, लेकिन अब कोई नाविक नहीं होने के कारण कश्ती नदी के पास ही खड़ी हुई है और ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे है।
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