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    कहीं आपने भी तो यहां नहीं खरीदी भूमि? यूपी में बिल्डर ने बेच दिए थाने की जमीन पर प्लॉट

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 03:30 PM (IST)

    मेरठ के पल्लवपुरम में एंटी करप्शन थाने की जमीन पर बिल्डरों द्वारा अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। जांच में पाया गया कि बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी जमीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित कर प्लाट बेच दिए। राजस्व विभाग की शिकायत पर मधुर इंफ्रा डेवलपर्स और चंद्रपाल एसोसिएटस के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    पल्लवपुरम में एंटी करप्शन थाने को आवंटित की गई करोड़ों की जमीन बेची

    जागरण संवाददाता, मेरठ। पल्लवपुरम में एंटी करप्शन थाने को आवंटित हुई करोड़ों की जमीन को बिल्डर ने आवासीय कालोनी बनाकर प्लाट बेच दिए। राजस्व विभाग द्वारा कराई गई जांच में पुष्टि होने के बाद लेखपाल की तरफ से मैसर्स मधुर इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और चंद्रपाल एसोसिएटस के निदेशकों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि थाने की जमीन के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए है।

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    लेखपाल हरबीर ने पुलिस को बताया कि मुकर्रबपुर पल्हैडा परगना दौराला पर खसरा सं 609/5 रकबा 0.5060 हेक्टर भूमि राजस्व अभिलेखों में श्रेणी 5 (3) ड बंजर भूमि के रूप में दर्ज है। उक्त जमीन का आवंटन एंटी करप्शन थाने के लिए गया था।

    खाता से 33 गाटा संख्या 609 रकबा 0.0507 हेक्टेयर तथा खाता से 171 गाटा संख्या 609 रकबा 0.1640 हेक्टेयर तथा खाता से 66 गाटा संख्या 609/4 रकबा 0.1520 हेक्टेयर कुल रकबा 0.3667 हेक्टेयर भूमि मधुर इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा खरीदी गई थी।

    खाता संख्या 259 खसरा सं 609/1 क्षेत्रफल 0.1520 हेक्टेयर भूमि पल्लव विहार कालोनी के कालोनाईजर द्वारा खरीदी गई। जांच में सामने आया कि मधुर इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में कुल 0.3667 हेक्टेयर भूमि है, जबकि स्थल पर उनके द्वारा गाटा संख्या 609 के 0.5727 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित की गई।

    अर्थात 2060 वर्ग मीटर अधिक भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित कर दी गई। इसी तरह से चंद्रपाल एसोसिएटस तथा सिद्धार्थ पंवार के द्वारा पल्लव विहार कालोनी 3420 वर्ग मीटर भूमि पर विकसित की गई, जबकि उनके नाम 0.1520 हेक्टर का ही स्वामित्व है।

    इस प्रकार स्वामित्व से 1900 वर्ग मीटर अधिक भूमि आवासीय कालोनी विकसित की गई। यानि मधुर इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2060 वर्ग मीटर भूमि तथा चंद्रपाल एसोसिएटस व सिद्धार्थ पंवार ने 1900 वर्ग मीटर भूमि पर स्वामित्व से अधिक अवैध कब्जा करते हुए प्लाट बेच दिए। इसी के चलते बंजर भूमि 0.5060 हेक्टेयर कम हो गई। इससे उप्र राजस्व विभाग को नुकसान पहुंचा है।

    मधुर इंफ्रा डेवलपर्स के निदेशक आशीष गुप्ता व आदित्य गुप्ता पुत्रगण जेके गुप्ता तथा चंद्रपाल एसोसिएटस के निदेशक अंकुश कुमार पुत्र अनिल कुमार व सिद्धार्थ पंवार पुत्र रामकुमार तथा दोनों कंपनी के अन्य हिस्सेदारों के खिलाफ सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा कर कूटरचित तरीके से अपना बताते हुए बेचने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। बुधवार को भूमि पर राजस्व और पुलिस की टीम ने पहुंचकर जांच पड़ताल की है।

    इन धाराओं में हुई कार्रवाई 

    पल्लवपुरम थाने में लेखपाल हरवीर सिंह द्वारा बीएनएस की धारा 262 (4), 336 (3), 337, 338, 340 (2), 61 (2) तथा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    राजस्व विभाग की तरफ से एंटी करप्शन थाने को बंजर जमीन आवंटित की गई थी। लेखपाल की तरफ से बताया गया कि उक्त जमीन को बिल्डर आशीष गुप्ता, आदित्य गुप्ता, अंकुश कुमार, सिद्धार्थ पंवार व उनकी कंपनी के हिस्सेदारों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लाट बनाकर बेच दिया। लेखपाल की तरफ से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। -डा. विपिन ताडा, एसएसपी