इतना हो जाए तो मेरठ से उड़ान भरने लगेंगे 19 और 40 सीटर विमान, एएआइ, नागरिक उड्डयन व प्रशासन की टीम ने किया निरीक्षण
Meerut News मेरठ के परतापुर हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू करने के लिए एएआइ और जिला प्रशासन की टीम ने निरीक्षण किया। हवाई पट्टी को चौड़ा और लंबा करना होगा। कुछ इमारतों को हटाने की भी आवश्यकता है। छोटे विमान उड़ाने की संभावना तलाशी जा रही है। बैठक कर एयरपोर्ट निर्माण की योजना बनाई तथा उसके लिए जरुरतों का आकलन किया।

जागरण संवाददाता, मेरठ। परतापुर हवाई पट्टी का विस्तार करके एयरपोर्ट निर्माण के लिए हाल ही में मंडलायुक्त द्वारा की गई संयुक्त बैठक रंग लाने लगी है। बैठक में हुए निर्णय के तहत संयुक्त टीम ने हवाई पट्टी पर पहुंचकर उड़ान की बाधाओं की जानकारी ली। बैठक करके एयरपोर्ट निर्माण की योजना बनाई तथा उसके लिए जरुरतों का आकलन किया।
गुरुवार को राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ एडीएम सिटी बृजेश सिंह, एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (Airport Authority of India)के एजीएम आपरेशन अनिल प्रकाश, वरूण कुमार, दिनेश पटेल, आलम हसन, गौरव कर्णवाल, जीबी बैरवा और मनोज कुमार, उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन के नोडल आरसीएस मोती राय, हवाई पट्टी प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट नवीन कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम सदर दीक्षा जोशी तहसील की टीम, वन विभाग, पावर कारपोरेशन, लघु सिंचाई, एमडीए समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी हवाई पट्टी पर पहुंचे।]
हवाई पट्टी परिसर में घूमकर अधिकारियों ने निरीक्षण किया
राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि पहले बैठक में पूरी स्थिति पर मंथन किया गया फिर हवाई पट्टी परिसर में घूमकर सभी अधिकारियों ने निरीक्षण कार्य किया। उन्होंने बताया कि एएआइ चेयरमैन ने कमिश्नर की अध्यक्षता वाली बैठक के दौरान कहा था कि सबसे पहले मौजूदा हवाई पट्टी से 19 और 40 सीटर विमान उड़ाने का प्रयास किया जाए। सफलता मिलने पर यहां से 72 सीटर विमान की तैयारी की जाएगी।
छोटे विमान उड़ाने की संभावना तलाशी
उसी के तहत छोटे विमान उड़ाने की संभावना तलाशी गई। सर्वे के दौरान सामने आया कि यहां से छोटे विमान उड़ाने के रास्ते में भी पराग दूध फैक्ट्री की चिमनी और भवन तथा एमडीए की एयरपोर्ट एन्क्लेव कालोनी के फ्लैट आएंगे। उन्हें हटाना होगा। हवाई पट्टी को भी 40 मीटर से बढ़ाकर 75 मीटर चौड़ा करना होगा। जिसके लिए 35 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण करना होगा। इसमें किसानों और वन विभाग की जमीन शामिल है। 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टी की लंबाई को 1500 मीटर से बढ़ाकर 1800 मीटर करना होगा। लंबाई बढ़ाने के लिए भी जमीन का अधिग्रहण करना होगा।
राज्यसभा सदस्य ने बताया कि मंथन के दौरान सामने आया कि यदि पुरानी हवाई पट्टी को छोड़ दें और 56 मीटर दूरी पर नई हवाई पट्टी का निर्माण किया जाए तो उसके लिए जमीन उपलब्ध है लेकिन इस निर्माण में खासा खर्च आएगा। लिहाजा पुरानी हवाई पट्टी का ही विस्तार करने का निर्णय लिया गया।
अनुमति मिली तो उड़ा देंगे जहाज
इस दौरान राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने फ्लाईविंग के अधिकारियों से फोन पर बात करके 19 और 40 सीटर विमान उड़ाने के संबंध में बात की। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने कहा है कि उनके पास विमान हैं। बस लाइसेंस की जरूरत है। मिल जाएगा तो हम विमान उड़ा देंगे। बैठक में तय किया गया कि हवाई पट्टी की चौड़ाई और लंबाई के विस्तार के लिए तहसील की टीम एएआइ को दो दिन में कोर्डिनेट उपलब्ध कराएगी। जिसकी मदद से सुपर इंपोज करके एएआइ मानचित्र तैयार करेगी। उसी मानचित्र के मुताबिक भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
सरकार देगी किराये का अंतर
राज्यसभा सदस्य ने बताया कि उड़ान योजना के तहत लखनऊ का टिकट 2500 रुपये का है। जबकि सामान्य उड़ान के लिए 6000 रुपये देने होंगे। किराये के इस अंतर को प्रदेश सरकार वहन करती है। इसे वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंड) कहा जाता है।
एडीएम सिटी बृजेश सिंह का कहना है कि एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की टीम ने अन्य विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में हवाई पट्टी पर सर्वे किया है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।
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