यूपी के इस जिले में नया अभियान शुरू, बुलडोजर तो चलेगा ही; मगर साथ में बिजली का पूरा ढांचा भी किया जा रहा ध्वस्त
मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अभियान तेज करते हुए बिजली का ढांचा भी ध्वस्त करना शुरू किया है। बुधवार को दिल्ली रोड और भूड़बर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। अवैध कालोनियों में ध्वस्तीकरण अभियान के बाद भी फिर से कार्य शुरू करने पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने अब अभियान का तरीका बदल दिया है। अब सभी तरह के ध्वस्तीकरण के साथ ही उसमें बिजली का पूरा ढांचा ध्वस्त करने की शुरुआत कर दी गई है।
जब बिजली के खंभे, तार आदि ध्वस्त हो जाएंगे तो विकासकर्ता को आर्थिक क्षति होगी। उसमें खरीदार भी निर्माण करने या प्लाट खरीदने से बचेंगे। इस अभियान की बुधवार को शुरुआत हुई। दिल्ली रोड पर अमित सिंघल व अरविंद सिंघल द्वारा छह हजार वर्ग मीटर में बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए शिवधाम के नाम से कालोनी विकसित की जा रही थी।
इसके लिए 11 जुलाई 2019 को ध्वस्तीकरण आदेश हुआ था। ग्राम भूड़बराल में मुकेश पंवार द्वारा बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए लगभग छह हजार वर्ग मी. में कालोनी विकसित की जा रही थी। यहीं पर अरविंद कुमार द्वारा रमेश एन्कलेव नाम से अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी।
लगभग 20 हजार वर्ग मी. में बिना लेआउट स्वीकृत कराए विकास कार्य किया जा रहा था। इसके लिए 22 जनवरी 2022 को ध्वस्तीकरण आदेश किया गया था। ग्राम भूड़बराल में आजाद द्वारा बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए लगभग पांच हजार वर्ग मी. में कालोनी विकसित की जा रही थी।
मेरठ साउथ स्टेशन के नजदीक कॉलोनी ध्वस्त
यहीं पर मेरठ साउथ स्टेशन के नजदीक बाबूराम द्वारा बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए लगभग पांच हजार वर्ग मी. में कालोनी विकसित की जा रही थी।
इन सभी में कालोनी के अंदर की सड़क, दीवार, साइट कार्यालय, बिजली के खंभे, विद्युत तार आदि को ध्वस्त कर दिया गया। सचिव आनंद कुमार ने बताया कि अब सभी अवैध कालोनियों का विद्युत ढांचा भी पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा। कालोनी विकसित करने से पूर्व लेआउट स्वीकृत कराना आवश्यक है।
नमो भारत दौड़ते ही भूड़बराल में बनने लगीं अवैध कालोनियां
दिल्ली रोड पर भूड़बराल गांव के रकबे में आरआरटीएस कारिडोर का मेरठ साउथ स्टेशन बनाया गया है। इस पर नमो भारत ट्रेन दौड़ने लगी है, इसलिए अब भविष्य के देखते हुए उसके आसपास आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। गांव की खेती की जमीन पर अवैध कालोनियां तेजी से विकसित होने लगी हैं। इन्हीं में से कई कालोनियों का ध्वस्तीकरण किया गया।

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