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    UP News: मेरठ में शव गृह पर रखे शव को जिंदा बताकर स्वजन ने दोबारा कराई जांच, बोले- यह जिंदा है

    Updated: Fri, 01 Nov 2024 08:19 AM (IST)

    सरूरपुर थाना क्षेत्र के गोटका गांव के एक युवक को मृत घोषित कर दिया गया। इस बीच उसके घरवालों को शक हुआ कि युवक की सांसे अभी चल रही हैं। दोबारा जांच कराने की मांग पर परिजन अड़ गए। ऐसे में डॉक्‍टर ने दोबारा जांच कर युवक की मौत की पुष्‍टि की। बहन की शादी का कार्ड बांटते समय हादसे में युवक घायल हो गया था।

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    शगुन शर्मा की सड़क हादसे में मौत हो गई। जागरण (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। हादसे में घायल कक्षा-12 के छात्र को मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने गुरुवार को मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद शव को इमरजेंसी वार्ड में बने शव गृह में रखा गया। शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने से पहले स्वजन ने छात्र की धड़कन चलने की बात कही।

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    चिकित्सकों ने दोबारा छात्र की जांच की, जिसमें पल्स और बीपी शून्य मिला और दो बार की ईसीजी जांच में कोई हरकत दर्ज नहीं हुई। आखिरकार दूसरी बार मृत घोषित करने के बाद रात साढ़े 12 बजे विशेष अनुमति लेकर पोस्टमार्टम कराया गया।

    सरूरपुर थाना क्षेत्र के शगुन शर्मा बुधवार को अपने ममेरे भाई चीनू के साथ शादी बाइक पर शादी के कार्ड बांटने जा रहे थे। दोपहर चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग पर किसी अज्ञात वाहन वाहन ने इनकी बाइक को टक्कर मार दी। दोनों को घायल अवस्था में पुलिस ने मेडिकल कालेज के अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद चीनू को घर भेज दिया, जबकि गुरुवार सुबह 11 बजे चिकित्सकों ने शगुन को मृत घोषित कर दिया।

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    डेढ़ बजे चिकित्सकों ने प्रारंभिक सूचना (पीआइ) थाने भेजकर शव को शव गृह में रखवा दिया। साढ़े चार बजे पंचनामा भरते समय स्वजन ने शगुन के हाथ पैर हिलाने और धड़कन चलने का दावा किया। डाक्टरों ने दोबारा पूरी जांच की।

    स्वजन का कहना है कि शगुन को इंजेक्शन दिए गए। उसका इसीजी कराया गया। करीब एक घंटे बाद यानि साढ़े पांच बजे डाक्टरों ने दोबारा से शगुन को मृत घोषित कर पीआइ थाने में भेज दी।

    स्वजन का आरोप है कि डाक्टरों ने 11 बजे मृत घोषित कर दिया था। साढ़े चार बजे भी शगुन की सांसें चल रही थीं। साढ़े पांच घंटे बिना उपचार के वह शव गृह में रखा गया। इसी वजह से उसे बचाया नहीं जा सका। प्रकरण में मेडिकल के डाक्टरों की लापरवाही है, उसकी शिकायत भी की जाएगी।

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    स्वजन को जिंदा होने का शक था

    मेडिकल कालेज के प्रेस प्रवक्ता डा. अरविंद कुमार ने बताया कि शगुन शर्मा का उपचार न्यूरो सर्जन डा. दिनेश कुमार सिंह कर रहे थे। स्वजन को जिंदा होने शक हुआ तो उनकी तसल्ली के लिए दोबारा जांच कराई गई। वह मृत ही था। दोबारा से पीआइ बनाकर साढ़े पांच बजे थाने भेज दी गई।

    सीएमओ डा. अशोक कटारिया ने बताया कि शगुन को हेड इंजरी थी। मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी के डाक्टरों ने मृत घोषित किया। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया। स्वजन ने शंका जाहिर की कि उनका मरीज जिंदा है। इस पर शव गृह से दोबारा निकालकर हृदय गति जांचने के लिए ईसीजी करवाई गई जिसमें वह मृत मिला। शव को फिर से शव गृह भेज दिया गया।