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    मेरठ : साकेत में पुलिस चौकी से दो सौ मीटर दूरी पर लूट, बैग छोड़कर भागे बदमाश

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 09:25 AM (IST)

    Loot In Saket Meerut शहर की ज्‍यादातर पुलिस चौकियों रात में अक्‍सर शो पीस बनकर ही रह जाती हैं। साकेत में रविवार की रात को हुई लूट की वारदात ने पुलिस चौकियों की भी पोल खोल दी है। यहां बदमाश मौके पर एक बैग छोड़कर भागे रोडवेज टिकट कपड़े मिले।

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    Loot In Saket Meerut साकेत में डाग स्क्वायड सड़क पर जाकर भटका, 30 मिनट में की वारदात।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। Loot In Saket Meerut मेरठ के साकेत में बदमाशों ने दुस्साहिक तरीके से लूट की वारदात को अंजाम दिया। दो सौ मीटर दूरी पर ही पुलिस चौकी है। लुटेरे वारदात कर आसानी से फरार हो गए। वहीं, डाग स्क्वायड सड़क तक पहुंचा और फिर भटक गया था। वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जैसे ही बदमाश दरवाजा तोड़कर घर में घुसे तो वह डर गए थे। हथियार देखकर मुहं से आवाज भी नहीं निकली।

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    बेटा पहुंचा तो जान में जान आई

    करीब 30 मिनट तक बंधक रहे। बेटा जब पहुंचा तो उनकी जान में जान आई। उनके घर के पास ही चौकी है। कभी सोचा भी नहीं था, ऐसी वारदात हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने मास्क पहना हुआ था। गमछा भी डाला हुआ था। चारों बदमाशों ने चप्पल पहन रखी थी। शोर मचाने पर धमकी दे रहे थे। बदमाशों के बाद भी पीड़ितों के चेहरे पर दहशत दिखाई दे रही थी।

    बैग छोड़कर भाग गए

    पुलिस ने जब जांच शुरू की तो घर के पास ही बैग मिल गया। पुलिस ने उसे खोलकर देखा तो उसमे रोडवेज के दो टिकट, एक टीशर्ट और बेल्ट के साथ ही पेंसिल और बच्चों की किताबें रखी हुई थी। पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया है। लूट के शोर पर आसपास के लोग भी घरों से बाहर आ गए थे। उन्होंने पाश कालोनी में ऐसी घटना होने के बाद सुरक्षा पर सवाल उठा दिए।

    पूर्व डीजीपी रिश्तेदार हैं

    मानिक ने बताया कि हरियाणा के पूर्व डीजीपी रंजीव दलाल उनके रिश्तेदार हैं। उनके अलावा भी परिवार के अन्य लोग पुलिस और प्रशासन में बड़े पदों पर हैं। उन्होंने बताया कि जब पिता ने घटना के बारे में बताया तो वह काफी डर गए थे। तेजी से घर पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी।

    इमरान का नाम ले रहे थे

    पीड़ितों ने बताया कि बदमाश आपस में बात कर रहे थे। उनकी भाषा भी आसपास के इलाके की तरह ही थी। वह इमरान नाम बार-बार बोल रहे थे। इसकी जानकारी भी पुलिस को दे दी थी। मानिक ने बताया कि वह रोजाना करीब रात साढ़े नौ बजे तक घर पहुंच जाते हैं। बदमाशों को शायद इसकी जानकारी थी, इसलिए बहुत जल्दबाजी कर रहे थे।

    ऐसा लगा जैसे पूरी जानकारी हो

    पीड़ितों ने बताया कि बदमाशों ने इस तरह से वारदात को अंजाम दिया, जैसे उनको घर की पूरी जानकारी हो। उन्होंने उन अलमारियों की ही चाबी मांगी थी, जिसमें जेवर और नकदी रखी हुई थी। इसके अलावा अन्य अलमारी को हाथ भी नहीं लगाया। अन्य कमरों को भी नहीं देखा। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है। 

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