शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी : 15 जुलाई की शाम को माता-पिता से हुई थी बात, परिवार में पसरा मातम Meerut News
असम में शहीद हुए कंकरखेड़ा निवासी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी के पिता केपी सिंह ने बताया कि 15 जुलाई की शाम उनके पुत्र आकाश चौधरी का फोन आया था। ...और पढ़ें

मेरठ, जेएनएन। असम में सर्च ड्यूटी के दौरान पहाड़ी पर पैर फिसलने से खाई में गिरने से शहीद हुए कंकरखेड़ा निवासी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी के पिता केपी सिंह ने बताया कि 15 जुलाई की शाम उनके पुत्र आकाश चौधरी का फोन आया था। तब उसने अपनी मां कमलेश और पिता से बात की थी। आकाश बहुत खुश था। नौकरी उसे मिल चुकी थी। वह अक्सर यही कहता था, कि अभी तो उसकी शुरुआत है। अभी आगे चलकर और बड़ा अफसर बनेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा। मगर यह क्या मालूम था कि दो दिन बाद ही उसके इस दुनिया से जाने की सूचना मिलेगी। यह कहते हुए पिता के पी सिंह फूट-फूट कर रोने लगे। उनके चचेरे भाई पूर्व राज्य मंत्री योगराज सिंह ने संभाला और हिम्मत से काम लेने को प्रेरित किया।

लखीमपुर खीरी में दसवीं और देहरादून में की बीटेक
केपी सिंह ने बताया कि वह शुरुआत से ही चीनी मिल से जुड़े हुए हैं। शुरुआत में वह लखीमपुर खीरी स्थित चीनी मिल में कार्यरत रहे। वहीं से आकाश चौधरी ने दसवीं कक्षा पास की थी। उसके बाद बारहवीं कक्षा लखनऊ से और बीटेक देहरादून से पास किया था। परिवार में आकाश की दो बहनें हैं, जो शादीशुदा है और वर्तमान में वह अपनी ससुराल में है। सर्च आपरेशन में भाई के पहाड़ी से गिर कर शहीद होने की सूचना के बाद दोनों बहने भी अपने मायके को रवाना हो गई हैं।
आज आएगा पार्थिव शरीर
केपी सिंह के चचेरे भाई योगराज सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह 11 बजे असम से लेफ्टिनेंट आकाश का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान रवाना होंगे। करीब दो बजे दिल्ली पहुंचेंगे और फिर वहां से पार्थिव शरीर को मेरठ लाया जाएगा। परिवार के लोग आपस में मशविरा कर निर्णय लेंगे कि उनका अंतिम संस्कार मेरठ में किया जाएगा या फिर पैतृक जिला मुजफ्फरनगर में भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव अलावलपुर माजरा में। परिवार की ओर से जो भी निर्णय लिया जाएगा सेना पार्थिव शरीर लेकर वही पहुंचेगी।

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