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    कुमार विश्वास ने CCSU Meerut के एंथम को लेकर बयां किया दर्द, आखिर विश्वविद्यालय ने क्यों नहीं किया है लागू

    By Amit Tiwari Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:27 PM (IST)

    कवि कुमार विश्वास ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का कुलगीत लिखा था, लेकिन यह अभी तक लागू नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के लिए यह गीत उ ...और पढ़ें

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    कवि कुमार विश्वास ने लिखा था सीसीएसयू का कुलगीत (फाइल फोटो) 

    जागरण संवाददाता, मेरठ। हर विश्वविद्यालय का एक कुलगीत (anthem) होता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का भी कुलगीत बनवाया गया था लेकिन आज तक लागू नहीं किया गया। यह कुलगीत किसी और ने नहीं बल्कि कवि कुमार विश्वास ने लिखा और संगीतबद्ध किया था। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद बैठक में इसे हिंदू गीत बताकर आपत्ति जताई गई और उसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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    मन में छिपे इस दर्द को कवि कुमार विश्वास ने दिल्ली में आज तक के कार्यक्रम में बताई। वंदे मातरम् पर हो रहे विरोध पर बोलते हुए कुमार विश्वास ने बताया कि सीसीएसयू से संबद्ध कालेज में पढ़ाने के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए कुलगीत लिखा था। कुमार विश्वास ने पीजी कालेज साहिबाबाद में वर्ष 2006 से 2014 तक शिक्षण कार्य किया था।

    जब सीसीएसयू के कुलपति आरपी सिंह थे और प्रदेश के राज्यपाल व कुलाधिपति विष्णुकांत शास्त्री थे। कुमार विश्वास ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति जब राज्यपाल को दीक्षा समारोह के लिए आमंत्रित करने गए तो उन्होंने पूछा कि विश्वविद्यालय का कुलगीत है। कुलगीत नहीं होने पर राज्यपाल ने कवि कुमार विश्वास से गीत लिखवाने का सुझाव दिया। कुलपति के आग्रह पर उन्होंने कुलगीत लिखा।
    उन्होंने कहा कि कुलगीत में यदि छात्रों और शिक्षकों के लिए द्रोणाचार्य और अर्जुन को प्रेरणास्वरूप न लिखता तो क्या लिखता, दुनिया के सबसे बड़े शिक्षक योगेश्वर भगवान कृष्ण और सबसे बड़े शिष्य अर्जुन का जिक्र न करता तो क्या लिखता। ज्ञानीनामग्रमण्यम हनुमान का जिक्र न करूं तो क्या कुलगीत लिखता।

    बताया कि उन्होंने गीत लिखा कि, मेरे आंगन में जगे बुद्ध ईशा नानक और महावीर। धुन बन गई। संगीत बनाकर सभी कालेजों में भेज दिया गया। केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। राज्य में मुलायम सिंह की सरकार थी। सरकार ने कार्य परिषद में एडवोकेट कमाल फारुकी को सदस्य के तौर पर नामित कर दिया।

    कार्य परिषद बैठक में उन्होंने विरोध किया कि इसमें अर्जुन, कृष्ण, द्रोणाचार्य आदि का जिक्र है, इसलिए यह हिंदू गीत है। इसके बाद कुलगीत हटा दिया गया। फिर किसी ने उस गीत को लागू करने के लिए प्रयास नहीं किया।

    सीसीएसयू के अंग्रेजी विभाग के आचार्य और कुमार विश्वास के भाई प्रोफेसर विकास कुमार ने कुलगीत और राष्ट्रगीत के घटनाक्रम पर कहा कि राष्ट्रीय अस्मिता, अखंडता व धार्मिक आस्थाओं से जुड़े विषयों पर किसी भी दल को राजनीति से परहेज करना चाहिए। 

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    कुलगीत पर सीसीएसयू की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।