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मेरठ में श्रीलंका व विदर्भ जैसी बीमारी, गन्ना बेल्ट में घातक रूप से बढ़ी गुर्दा की बीमारी

पश्चिम उप्र में एंडमिक नेफ्रोपैथी का खतरा है। मेडिकल कालेज के गुर्दा रोग विभाग के विशेषज्ञों ने बताया तेज उमस गर्मी आर्द्रता एवं कीटनाशकों से किसानों के गुर्दे खराब हो रहे हैं। किसानों में क्रिटनिन सात-आठ तक पहुंचा तब पता चली बीमारी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 07:30 AM (IST)
मेडिकल कालेज की रिपोर्ट, पश्चिम में एंडमिक नेफ्रोपैथी का रिस्क।

मेरठ, संतोष शुक्ल। पहले यह बीमारी दक्षिण अमेरिका के किसानों में थी जो अब श्रीलंका के साथ ही महाराष्ट्र, विदर्भ, आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम उप्र में भी नजर आ रही है। मेडिकल कालेज के गुर्दा रोग विभाग के विशेषज्ञों ने बताया तेज उमस, गर्मी और आर्द्रता एवं कीटनाशकों से किसानों के गुर्दे खराब हो रहे हैं। क्रिटनिन का स्तर सात-आठ मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के घातक स्तर तक पहुंचने पर बीमारी की पता चल रहा। कई मरीजों को डायलसिस से लेकर गुर्दा प्रत्यारोपण तक कराना पड़ रहा।

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श्रीलंका व विदर्भ जैसी बीमारी यहां भी

मेडिकल कालेज के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डा. इंद्रजीत एवं डा. अर्पित श्रीवास्तव ने बताया कि मेसोअमेरिकन नेफ्रोपैथी की तरह पश्चिम उप्र में एंडमिक नेफ्रोपैथी के मरीज बढ़े हैं। कई बार इनके कारणों का पता नहीं चल पाता। छह माह के दौरान बड़ी संख्या में गुर्दा रोगी देखे गए। कई मरीजों में ब्लडप्रेशर बढ़ा मिला। पेशाब में जलन, कमजोरी, खून की कमी, भूख न लगने वाले लक्षण थे। डाक्टरों ने बताया कि यह बीमारी अब सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ से लेकर बिजनौर और मुरादाबाद तक मिल रही है। -गन्ने का रस भी खतरनाकगन्ने की खेती के आसपास उमस ज्यादा होती है, जिससे ज्यादा पसीना बहने से शरीर में पानी कम रह जाता है। खुले खेतों और कड़ी धूप में काम करने वाले किसान कई बार घंटों पानी पीते हैं, जिससे एक्यूट किडनी फेल्योर में पहुंच जाते हैं। डा. अर्पित ने बताया कि कई बार पानी की जगह गन्ने का जूस व कोल्ड ड्रिंक पीने से गुर्दे पर शुगर को बाहर निकालने का लोड बढ़ता है। यह भी गुर्दा फेल होने की वजह बनता है।

इनका कहना है...

पश्चिम उप्र में एंडमिक नेफ्रोपैथी का खतरा है। यहां गुर्दे की बीमारी ज्यादा है। किसान कीटनाशकों के संपर्क में रहने से भी गुर्दे पर खतरा है। खेत में धूप में देर तक काम करने, पसीना ज्यादा निकलने, पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक व रस पीने से भी एक्यूट किडनी फेल्योर बढ़ा है। खूब पानी पीएं। उमस और कड़ी धूप में आराम करें।डा. अरविंद त्रिवेदी, गुर्दा रोग विशेषज्ञ व प्राचार्य, मेडिकल कालेज, सहारनपुरबढ़ी शुगर, बीपी, चिकनाईयुक्त खानपान, हैवी मेटल एवं बेवजह दवाओं के सेवन से भी गुर्दा खराब होता है। किसान बेल्ट में एंडमिक नेफ्रोपैथी के मरीज बढ़ना चिंता का विषय है।

- डा. इंद्रजीत, गुर्दा रेग विशेषज्ञ, मेडिकल कालेज

 


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