IPS Transfer: अब मेरठ रेंज से छिना आइजी का पद, डीआइजी की तैनाती; इस तेज-तर्रार IPS को सौंपी गई कमान
IPS Transfer उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। मेरठ रेंज के आईजी नचिकेता झा को लखनऊ में सचिव गृह की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं 2010 बैच के आईपीएस कलानिधि नैथानी को मेरठ रेंज का नया डीआईजी बनाया गया है। नैथानी इससे पहले झांसी रेंज में डीआईजी के पद पर तैनात थे। वहीं मेरठ में आइजी का पद खत्म कर दिया गया है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। (IPS Transfer In UP) रेंज से पहले दो जनपदों को हटाकर कमिश्नरी व्यवस्था लागू कर दी गई, अब आइजी का पद भी छीन लिया गया। भाजपा सरकार बनने के बाद 15 मई 2017 को ही रेंज में आइजी की तैनाती की गई थी। उससे पहले डीआइजी ही रेंज को संभाल रहे थे।
शासन की इस नई व्यवस्था ने मेरठ रेंज को सहारनपुर रेंज के बराबर खड़ा कर दिया है। जबकि सहारनपुर रेंज में तीन और मेरठ रेंज में चार जनपद हैं। अपराध की दृष्टि से मेरठ कहीं ज्यादा संवेदनशील रेंज है।
कलानिधि नैथानी को सौंपी गई कमान
सोमवार को शासन ने रेंज में फेरबदल करते हुए 2010 बैच के आइपीएस कलानिधि नैथानी (IPS Kalanidhi Naithani) को रेंज का डीआइजी बनाया है। वह मंगलवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
आइजी नचिकेता झा (Nachiketa Jha IPS) को लखनऊ में सचिव गृह की जिम्मेदारी दी गई। लंबे समय से झा के आइबी में जाने की चर्चा थी। माना जा रहा है कि इसीलिए उनका स्थानांतरण सचिव गृह के पद पर किया गया है। 20 माह 21 दिनों के कार्यकाल में उनकी छवि और कार्यशैली बेदाग रही है। बसपा सरकार ने मेरठ रेंज का गठन किया था।
जे. एल त्रिपाठी 28 मार्च 2012 तक आइजी बने रहे। उसके बाद सपा सरकार ने रेंज में डीआइजी जकी अहमद की पहली तैनाती की। उसके बाद 15 मई 2017 तक रेंज के अंतिम डीआइजी के सत्यनारायण रहे। भाजपा के सत्ता में आने के बाद 16 मई 2017 को रामकुमार वर्मा की तैनाती बतौर आइजी रेंज की गई। उसके बाद रेंज में आलोक सिंह, प्रवीण कुमार और नचिकेता झा आइजी के रूप में रेंज की कमान संभालते रहे।
मेरठ में लागू की गई थी कमिश्नरी व्यवस्था
इसी बीच रेंज से गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद को अलग कर कमिश्नरी व्यवस्था लागू कर दी। गाजियाबाद में एक आइजी, दो डीआइजी, तीन डीसीपी और एक सीओ आइपीएस हैं। तीन एएसपी और 15 सीओ पीपीएस हैं। इसी तरह से गौतमबुद्धनगर में भी अफसरों की तैनाती हैं, जबकि मेरठ रेंज को शासन से कमजोर करते हुए आइजी का पद भी छीन लिया। सोमवार को यहां 2010 बैच के आइपीएस डीआइजी कलानिधि नैथानी को रेंज की जिम्मेदारी दी गई है।
भाजपा शासन काल में रेंज को मिले पहले डीआइजी
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल निवासी डीआइजी कलानिधि नैथानी 2010 बैच के आइपीएस अफसर हैं। उनके पिता उमेश चंद्र नैथानी गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पद से रिटायर्ड हुए हैं। मां भी इंटर कालेज में प्रिंसिपल से रिटायर्ड हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। नैथानी बीटेक की पढ़ाई करने के बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद से मास्टर्स डिग्री इन पुलिस मैनेजमेंट किया।
भारत सरकार के सी-डाट यानी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टैक्सीमैट्रिक्स बेंगलुरु और दिल्ली में भाभा एटामिक अनुसंधान केंद्र में नैथानी ने पांच साल तक बतौर इंजीनियर काम किया। 2010 में आइपीएस चुने गए। पहली तैनाती सहारनपुर में मिली। नैथानी की पत्नी दीप्ति चंदोला आइआरएस अफसर हैं। भाई नितिन नैथानी सेना में कर्नल हैं। अब तक वह पीलीभीत, बरेली, कुंभ मेला और गाजियाबाद में बतौर एसएसपी रह चुके हैं।
झांसी में हुई थी तैनाती
डीआइजी बनने के बाद झांसी रेंज में उनकी तैनाती हुई थी। दूसरी तैनाती मेरठ रेंज में डीआइजी पद पर हुई है। झांसी से मंगलवार को नैथानी मेरठ पहुंचकर चार्ज ग्रहण करेंगे।
12 मार्च 2023 को मेरठ रेंज की कमान संभालने वाले रांची निवासी नचिकेता झा 2003 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वह लंबे समय तक केद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहे। आइबी में उप निदेशक भी रह चुके हैं। 2021 में केंद्र से आगरा रेंज में उनका स्थानांतरण हुआ। आगरा से मेरठ आए। 20 माह 21 दिन के कार्यकाल में नचिकेता झा ने दो कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न करवाईं। इनामी बदमाशों की धरपकड़ में भी उनका योगदान रहा।
थाना प्रभारी और सीओ को नियमावली के मुताबिक, पुलिसिंग सिखाई। उनकी मीटिंग से पहले थाना प्रभारी और सीओ पुलिस के कायदे कानून के बारे में पढ़कर जाते थे। स्थानांतरण के बाद बेदाग छवि और अच्छी कार्यशैली की सराहना हो रही है।
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