Independence Day 2022: आजादी के मतवाले चिरंजीलाल शर्मा ने जेलर को जड़ दिया था थप्पड़
Independence Day 2022 स्वतंत्रता संग्राम में बुलंदशहर जिले का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इनमें बीबीनगर क्षेत्र के आजादी के मतवाले भी शामिल थे। चिरंजीलाल शर्मा ने तो अंग्रेज जेलर को थप्पड़ जड़ दिया था। बीबीनगर में स्वतंत्रता सेनानियों की याद में पार्क बना है।
डा. राकेश गौतम, बुलंदशहर। जंगे आजादी में जिले के बीबीनगर क्षेत्र के देशभक्तों ने अंग्रेजों की चूल हिला दी थी। आजादी के मतवालों ने डाकखाना फूंकने के साथ ही दिल्ली-लखनऊ रेल ट्रैक उखाड़ दिया था। चिरंजीलाल शर्मा ने तो अंग्रेज जेलर को थप्पड़ जड़ दिया था।
कस्तूरबा गांधी ने सालाबाद धुमैड़ा में किया था प्रवास
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी मिलने तक बीबीनगर क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कुचेसर किला व बीबीनगर का शहीद स्तंभ इसकी गवाही दे रहे हैं। महात्मा गांधी द्वारा संपादित समाचार-पत्र 'हरिजन' के कोषाध्यक्ष चौधरी रणवीर सिंह के सालाबाद स्थित आवास में कस्तूरबा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों ने सालाबाद धुमैड़ा में प्रवास किया था।
कन्हैया लाल किए अपने प्राण न्यौछावर
इसके बाद आजादी पाने को लेकर युवा जंगे आजादी में कूद पड़े। अंग्रेजों से मुकाबला कर कन्हैया लाल ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अनेकों मतवालों ने कई साल जेल में यातना सही थी। बावजूद इसके आजादी के परवानों का उत्साह कम नहीं हुआ था। इन्होंने डाकखाना को आग के हवाले कर दिल्ली- लखनऊ रेल ट्रैक को उखाड़कर अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी।
बाबू बनारसी दास से अभद्रता पर चिरंजीलाल ने जड़ा था थप्पड़
अंग्रेजों ने देशभक्त चिरंजीलाल शर्मा समेत आजादी के कई दीवानों को जेल में बंद कर दिया था। जेलर के बाबू बनारसी दास से अभद्रता करने पर चिरंजीलाल शर्मा ने जेलर हार्डी को थप्पड़ जड़ दिया था। अंग्रेजों ने उन्हें 15 कोड़ों की सजा सुनाई थी। जेल से रिहा होने के बाद साथियों के साथ जंगे आजादी की लड़ाई को धार दी थी। बाबू बनारसी दास आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
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क्रांतिकारियों के जीवन संघर्ष से लें प्रेरणा
बुलंदशहर। देवनागरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुलावठी में वेबिनार का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता मुल्तानीमल मोदी कालेज-मोदीनगर के प्रोफेसर केके शर्मा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उपजी परिस्थितियों में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1857 से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक की घटनाओं में क्रांतिकारियों को याद किया और उनके जीवन संघर्ष से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेने की सीख दी। प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी ने विद्यार्थियों को देशसेवा के लिए तैयार रहने और समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने का संकल्प दिलाया।