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    आप जो प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं उसका असली मालिक कौन है? इस वेबसाइट से पता चल जाएगी पूरी कुंडली

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 06:50 PM (IST)

    मेरठ में संपत्ति खरीदने वालों के लिए खुशखबरी! अब आप वर्ष 2002 के बाद के सभी बैनामों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। निबंधन विभाग ने वेबसाइट पर पूरा रिकॉर्ड अपलोड कर दिया है जिससे संपत्ति के मालिक की पहचान आसानी से की जा सकती है और धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। यह सुविधा संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने में मददगार होगी।

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    नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा.... आप खुद देख लेंगे कौन है संपत्ति का असली मालिक

    अनुज शर्मा, मेरठ। यदि आप कोई संपत्ति खरीदने जा रहे हैं तो मन में एक डर रहता है कि कहीं धोखा न हो जाए। संपत्ति के साथ कोई विवाद न जुड़ा हो। संपत्ति को पहले किसी को बेच न दिया गया हो। लेकिन अब इन सभी शंकाओं का समाधान आप खुद कर लेंगे।

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    किसी भी संपत्ति के वर्ष 2002 के बाद से आज तक हुए सभी बैनामों और एग्रीमेंट का ब्यौरा निबंधन विभाग की वेबसाइट पर आपको मिलेगा। जिससे आप जान सकेंगे कि वास्तव में संपत्ति का मालिक कौन है? निबंधन विभाग ने मेरठ जनपद में वर्ष 2002 के बाद का पूरा रिकार्ड आनलाइन अपलोड कर दिया है।

    वर्ष 2017 से है आनलाइन प्रक्रिया, उससे पहले की थी समस्या

    निबंधन और स्टांप विभाग में वर्ष 2017 से बैनामों की प्रक्रिया आनलाइन है। यानि इसके बाद के प्रत्येक बैनामे को हाथोंहाथ स्कैन करके अपलोड किया जाता है। जिसके बाद वह आनलाइन दिखाई देता है। अब इससे पूर्व के बैनामों को आनलाइन करने का कार्य किया जा रहा है ताकि खरीदार के साथ धोखा न हो सके।

    12.75 लाख बैनामे, अपलोड करने में लग गए तीन साल

    मेरठ जनपद में वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2002 के बीच कुल 12.75 लाख बैनामे हुए। इन्हें स्कैन करके अपलोड करने का कार्य जैम पोर्टल के माध्यम से एजेंसी का चयन करके ठेके पर दिया गया। जिसकी समय अवधि दो साल की थी लेकिन काम पूरा नहीं हो सका और ठेके की अवधि खत्म हो गई।

    सितंबर 2024 में नई कंपनी की तलाश शुरू की गई। नवंबर महीने में नई कंपनी ने काम शुरू किया। जिसकी समय सीमा 29 जुलाई है। निबंधन अधिकारियों का दावा है कि 99 प्रतिशत रिकार्ड को अपलोड किया जा चुका है। अब केवल क्रासचेक करने का काम किया जा रहा है।

    सात महीने में अपलोड हुए 52 प्रतिशत बैनामे

    एआइजी निबंधन शर्मा नवीन कुमार एस ने बताया कि दस्तावेज अपलोड के कार्य में दिसंबर तक मेरठ जनपद प्रदेश में निचले पायदान पर था। इन हालात को सुधारने के लिए ठेकेदार के 51 कंप्यूटर आपरेटर और 13 मल्टी टास्क स्टाफ लगाकर तेजी से काम कराया गया।

    वर्ष 2002 के बाद का संपत्ति का पूरा रिकार्ड अब निबंधन विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर लागिन पासवर्ड बनाकर अपनी संपत्ति के संबंध में खोजबीन कर सकता है। इससे फर्जीवाडे के मामलों में कमी आएगी। -शर्मा नवीन कुमार एस, एआइजी निबंधन एवं सहायक आयुक्त स्टांप

    ऐसे करें खोज......

    • गूगल सर्च इंजन में बैनामा खोज शब्द टाइप करें
    • यह आपको सीधे स्टांप और निबंधन विभाग की वेबसाइट igrsup.gov.in पर ले जाएगा
    • यहां आप संपत्ति खोजें अथवा संपत्ति विवरण पर क्लिक करें
    • साधारण सी प्रक्रिया से लागिन और पासवर्ड बनाए और लागिन करके संपत्ति का विवरण जान सकते हैं।