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    हेड कॉन्स्टेबल ने 2 साल तक तबादले का आदेश टाला, खाता चेक करने पर अधिकारियों के उड़े होश; गुमनाम चिट्ठी ने खोला राज

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 01:43 PM (IST)

    मेरठ में एसपी सिटी के पेशी में तैनात हेडकांस्टेबल अजीत सिंह ने तबादले के आदेश को दो साल तक टाला। शिकायत मिलने पर कप्तान ने जांच कराई तो उसके खाते में दस लाख रुपये मिले जो विभिन्न खातों से ट्रांसफर किए गए थे। एसपी यातायात ने हेडकांस्टेबल को दोषी पाया और कप्तान को रिपोर्ट सौंपी। हेडकांस्टेबल पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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    दो साल का तबादले का आदेश टालने वाले हेडकांस्टेबल के खाते में मिले दस लाख - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। एसपी सिटी की पेशी में तैनात हेडकांस्टेबल सिस्टम को ताक पर रखकर दो साल तक तबादले का आदेश टालता रहा। कप्तान के लाइन हाजिर करने के बाद फिर से सेटिंग कर एसपी सिटी आफिस में पहुंच गया।

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    मामला उजागर होने पर कप्तान की तरफ से कराई जांच में हेडकांस्टेबल के खाते में दस लाख की रकम मिली हैं, जो पे-फोन द्वारा विभिन्न लोगों के खातों से स्थानांतरण की गई। एसपी यातायात ने हेडकांस्टेबल को दोषी करार देते हुए कप्तान को मामले की रिपोर्ट पेश कर दी।

    लाइन हाजिर होने के बाद भी सेटिंग

    एसपी सिटी की पेशी में तैनात हेडकांस्टेबल अजीत सिंह को एसएसपी विपिन ताडा ने 30 जनवरी को लाइन हाजिर किया था। एसपी सिटी की पेशी से एक पुलिसकर्मी अवकाश पर चले गए। इसी बीच अजीत सिंह लाइन से सेटिंग करने के बाद रवानी कराकर एसपी सिटी आफिस पहुंच गया।

    गुमनाम पत्र से खुला मामला

    कुछ दिनों तक ड्यूटी करने के बाद एक गुमनाम पत्र डीआइजी और एडीजी तथा एसएसपी को डाक द्वारा डाला गया। बताया गया कि लाइन हाजिर हेडकांस्टेबल एसपी सिटी की पेशी में ड्यूटी कर रहा है। तभी कप्तान ने इसकी जांच एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्रा को दी। उनकी जांच में हैरतअंगेज करने देने वाला कारनामा सामने आया है।

    जांच में पता चला कि अजीत सिंह छह साल तक लगातार एसपी सिटी की पेशी में ड्यूटी कर चुका है। दो साल पहले उसका स्थानांतरण एसपी देहात की पेशी में हो गया था। उसके बाद भी अजीत ने रवानगी नहीं कराई। बल्कि दो साल तक एसपी सिटी की पेशी में तैनात रहा।

    एसएसपी विपिन ताडा ने सभी आफिसों में तैनात पुलिसकर्मियों की जांच कराई। तब अजीत का मामला पकड़ में आया। उसके बाद अजीत को एसपी सिटी आफिस से लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस लाइन में सेटिंग करने के बाद फिर से एसपी सिटी की पेशी में आकर बैठने लगा था। तभी मामला पकड़ मेंं आया है।

    जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

    जांच में पाया गया कि उसके खाते में विभिन्न बैंक खातों से दस लाख से ज्यादा की रकम आई हुई है। माना जा रहा है कि यह रकम गंधा धंधा करने वाले लोगों के खातों से आई हुई है। एसपी यातायात ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है। हेडकांस्टेबल पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई होने जा रही है।

    अफसर बदलते रहे, पर अजीत की रवानगी नहीं हुई

    स्थानांतरण होने के बाद तत्काल ही आफिस या थाने से रवानगी हो जाती है। अजीत सेटिंग से दो साल तक बिना रवानगी कराए पेशी में ड्यूटी करता रहा, जबकि अफसर बदलते रहे और अजीत हर अफसर पर अपनी छाप छोड़ देता था। शहर के गंदे धंधों की जानकारी होने पर अफसरों को भी गुमराह करता रहता था। एक गुमनाम पत्र से अफसर अजीत की हकीकत से रूबरू हुए।

    हमारी तैनाती से पहले अजीत सिंह पेशी में तैनात था। गलत कार्यों की सूचनाएं मिलने पर अजीत सिंह को ही जांच के लिए भेजा जाता था। कई बार सेटिंग कर वहां से भी रकम वसूली कर चुका है। उसके बाद जांच में पता चला था कि उसकी तैनाती एसपी देहात के आफिस में है। रवानगी न होने के कारण आफिस में जमा हुआ है। लाइन हाजिर होने के बाद दोबारा से आफिस में बैठने लगा था, लेकिन जीडी में उसकी कोई एंट्री नहीं थी। उसकी शिकायत पर एसपी यातायात को जांच दी गई है। - आयुष विक्रम सिंह, एसपी सिटी