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    सकारात्मकता के लिए गोघृत व पंचगव्य से हवन-यज्ञ

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 05 May 2021 05:10 AM (IST)

    कृष्ण अष्टमी के अवसर पर राष्ट्रीय गोधन महासंघ के आह्वान पर देश की 19500 गोशालाओं के अलावा घरों में हवन हुआ।

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    सकारात्मकता के लिए गोघृत व पंचगव्य से हवन-यज्ञ

    मेरठ,जेएनएन। कृष्ण अष्टमी के अवसर पर राष्ट्रीय गोधन महासंघ के आह्वान पर देश की 19500 गोशालाओं के अलावा घरों में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। शहर की कई गोशालाओं में गाय के गोबर से बने उपलों व देशी गाय के घी से हवन व यज्ञ किया। 'जयंती मंगला काली भद्रकाली' मंत्र के 108 बार उच्चारण से आहुति देकर आयोजन संपन्न कराए गए। हवन व यज्ञ में गोमय उपले और समिधा का उपयोग किया गया।

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    शास्त्रीनगर निवासी वैदिक प्रचारक डा. भरत राठी ने बताया कि इससे वातावरण में सकारात्मकता बढ़ेगी। लोगों के आत्मविश्वास व मनोबल में वृद्धि होगी। वैदिक प्रचारकों का कहना है कि जो लोग हवन-यज्ञादि के अभ्यस्त हैं, वो लोग अनुभूति कर सकते हैं कि हवन कुंड के सानिध्य में रहने से सकारात्मकता सृजित होती है। वह प्रतिदिन हवन करते हैं। इससे आत्मबल बढ़ता है, समस्त प्रकार के विश्वास समृद्ध व संपुष्ट होते हैं। यह सभी स्थितियां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं।

    तांबे का हवन कुंड, देशी गाय का गोघृत

    डा. भरत राठी ने बताया कि हवन में आम, बरगद, पीपल, बेल-पत्थर आदि की समिधाओं के साथ-साथ देशी गाय के कंडों का भी वर्षो से उपयोग करते आ रहे हैं। इसमें मुनक्का, तुलसी, आंवला, गोला, गिलोय व गुग्गुल भी उपयोग करते हैं। देशी गाय के घृत का वर्षो से उपयोग हो रहा है। हवन कुंड भी तांबे का है।

    पंचगव्य व पंचामृत करेगा कीटाणुओं का विनाश

    पांचली बुजुर्ग स्थित देवकी नंदन गोशाला के संरक्षक व पंचगव्य और पंचामृत के प्रचारक डा. केपी सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह कृष्ण अष्टमी पर गोशाला में हवन किया गया। इसमें विशेष तौर से तैयार किए गए पंचगव्य व पंचामृत भी आहुति में शामिल रहे। यह दोनों गाय के गोबर, मूत्र आदि से तैयार किए जाते हैं। इससे विषाणु का विनाश होता है। कार्यक्रम में चरण सिंह, श्रवण सिवाच, आदेश कसाना, आनंद त्यागी आदि मौजूद रहे।

    मंत्रोच्चारण के साथ निदेशक ने कराया हवन

    गढ़ रोड स्थित देवकीनंदन गोशाला के निदेशक सतीश अरोड़ा ने मंत्रोच्चारण करते हुए हवन कराया। उन्होंने कहा कि इससे वातावरण में शुद्धता आती है। 108 मंत्रों के जाप के साथ गोमय उपले, पंचगव्य व देशी गाय का घी उपयोग में लाया गया। कार्यक्रम में वेद प्रकाश, विकास त्यागी, अमित कुमार, किरनपाल आदि मौजूद रहे।