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    Meerut Metro Train: मेरठ में मेट्रो की एंट्री, शहर के साउथ से लेकर सेंट्रल स्टेशन तक ट्रायल रन शुरू; लोग बोले- वो आ गई...

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 01:39 PM (IST)

    Metro In Meerut मेरठ में मेट्रो ट्रेन की एंट्री हो गई है। रविवार को मेरठ साउथ स्टेशन (भूड़बराल) से मेरठ सेंट्रल (फुटबॉल चौक) के बीच ट्रायल रन शुरू हुआ। यह भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ट्रायल पूरा होने के बाद मेरठ से मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा।

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    Meerut Metro News: मेरठ में मेट्रो ट्रेन की एंट्री, ट्रायल रन की तस्वीर। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। Meerut Metro News: रविवार को मेरठ मेटो ट्रेन की मेरठ में एंट्री हुई तो हर तरफ एक ही आवाज गूंज रही थी कि आ गई.. आ गई.. मेरठ मेटो ट्रेन आ गई। मेरठ के मेरठ साउथ स्टेशन (भूड़बराल) से मेरठ सेंट्रल (फुटबाल चौक) के बीच ट्रायल रन शुरू हुआ।

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    इस ट्रेन के मेरठ में प्रवेश करने को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। ट्रायल पूरा होने के बाद मेरठ से मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। ट्रायल रन के दौरान एनसीआरटीसी के डायरेक्टर और इंजीनियर मौजूद रहे। इस ट्रायल में सिविल स्ट्रक्चर की जांच के लिए मेट्रो ट्रेन को मैन्युअल तरीके से चलाया गया।

    मेरठ सेंट्रल के भूमिगत स्टेशन में एक तरफ की लाइन पर ही चली

    ट्रायल रन के लिए शनिवार को रात 11 बजे मेरठ साउथ स्टेशन (भूड़बराल) से मेरठ सेंट्रल तक काम रोक दिया गया। रविवार की सुबह से ही एनसीआरटीसी की टीम मेरठ मेट्रो ट्रायल की तैयारियों में जुट गई। पहले सुबह दस बजे ट्रायल शुरू होना था पर बाद में इस पूर्वान्ह 11.45 बजे शुरू किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह ट्रेन दुहाई डिपो से लाई गई है। रविवार को ट्रेन मेरठ सेंट्रल के भूमिगत स्टेशन में एक तरफ की लाइन पर ही चली। दूसरी तरफ की पटरी पर अभी कार्य चल रहा है। पहले ट्रेन का विद्युत परीक्षण होगा यानी ओवरहेड विद्युत लाइन में जो विद्युत प्रवाह है उससे ट्रेन चल पा रही है या नहीं। कहीं अवरोध तो नहीं है। जहां समस्या होगी उसे दुरुस्त किया जाएगा।

    लिखा था मेरठ मेट्रो।

    यात्रियों की भार की तुलना चलेगी ट्रेन

    यात्रियों की भार की तुलना में सामग्री लादकर ट्रेन चलाई जाएगी। प्लेटफार्म का स्क्रीन डोर खुलने व यात्रियों की तरह कर्मचारियों के बैठने व निर्धारित समय में ट्रेन को निर्धारित गति से दौड़ाने का परीक्षण होगा। इसके बाद यात्रियों के लिए संचालन शुरू होगा। रविवार को 5 से 10 प्रति किलोमीटर घंटे की गति से ट्रेन चलाई गई। बाद 10 से 25 प्रति किलोमीटर घंटे की गति से ट्रेन दौड़ाई जाएगी।

    कुछ महीने तक दुहाई से आएगी मेट्रो

    मेरठ मेट्रो का भी संचालन होली से पहले शुरू करने की तैयारी है। यदि ऐसा है तो छह स्टेशनों पर मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। वैसे तो मेरठ मेट्रो के संचालन का नियंत्रण मोदीपुरम डिपो में होगा। यहीं उसकी मरम्मत होगी और वहीं पर रात में खड़ी की जाएगी। जून तक मोदीपुरम तक संचालन करने की उम्मीद है ऐसे में दो चरणों में मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना है। इसके लिए उपाय निकाला गया है। कुछ महीने तक मोदीपुरम डिपो के बजाय दुहाई डिपो से मेट्रो का संचालन होगा। दुहाई में ही ट्रेन खड़ी होंगी और वहीं पर मरम्मत होगी।

    संचालन के लिए दुहाई से भूड़बराल तक खाली ट्रेन लाई जाएगी, उसके बाद भूड़बराल से मेरठ सेंट्रल तक यात्रियों को बैठाया जाएगा। जब जून से मोदीपुरम तक संचालन शुरू होगा तब दुहाई के बजाय मेट्रो का नियंत्रण मोदीपुरम को सौंप दिया जाएगा।

    यह है ट्रैक और स्टेशनों पर काम की स्थिति

    भूड़बराल से शताब्दी नगर तक:

    भूड़बराल के बाद परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर स्टेशन हैं। अधिकांश कार्य लगभग पूर्ण है। एक तरफ से प्रवेश व निकास के लिए द्वार निर्माण भी अंतिम चरण में है। पार्किंग स्थल व लिफ्ट स्थापना का कार्य भी तेजी से जारी है। इन तीनों स्टेशनों का कार्य 31 जनवरी तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया। उम्मीद है कि जब तक इस हिस्से पर नमो भारत ट्रेन का ट्रायल अंतिम चरण में पहुंचेगा तब स्टेशनों का समस्त कार्य पूर्ण हो जाएगा। पटरी बिछाने के बाद विद्युत लाइन में बिजली छोड़कर परीक्षण शुरू कर दिया गया है।

    भूमिगत हिस्सा

    लगभग पांच किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है। इसमें 3.50 किमी लंबी सुरंग और तीन स्टेशन (मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल) हैं। ट्रैक बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है। ब्रह्मपुरी मेट्रो स्टेशन के बाद रामलीला मैदान (मारुति शोरूम) से बेगमपुल स्टेशन के बाद टैंक चौराहे (एमईएस रैंप) तक भूमिगत सुरंग बनाई गई है। यह हिस्सा दोनों ओर से एलिवेटेड वायाडक्ट के रैंप से जुड़ चुका है।

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    मेरठ सेंट्रल में चार ट्रैक बनाए जा रहे हैं। इनमें से किनारे के दोनों ट्रैक नमो भारत ट्रेन के निकलने के लिए होंगे जबकि प्लेफार्म के दोनों तरफ के ट्रैक मेरठ मेट्रो ट्रेन के रुकने के लिए होंगे। दो प्रवेश निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। भैंसाली स्टेशन में तीन प्रवेश-निकास द्वार होंगे। इस स्टेशन पर भी चार ट्रैक बनाए गए हैं, जिनमें से दो नमो भारत और बाकी मेट्रो ट्रेन के लिए होंगे। सीढ़ियों और लिफ्ट के लिए काम जारी है। बेगमपुल स्टेशन पर दो ट्रैक हैं। सिग्नल की मदद से एक ही प्लेटफार्म पर बारी-बारी से दोनों ट्रेनें रोकी जाएंगी। यहां चार प्रवेश-निकास द्वार बनाए जा रहे हैं।

    ट्रेन में ये भी खास

    • मेरठ मेट्रो का डिजाइन आधुनिक है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
    • ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि हैं। 
    • मेरठ मेट्रो की ट्रेन अत्याधुनिक तकनीक और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं।
    • एक ट्रेन में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।
    • सभी स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।
    • ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे, जहां पुश बटन को दबाया जाएगा।
    • आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा सिस्टम को एकीकृत किया गया है।
    • आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान होगा।

    ब्रह्मपुरी स्टेशन

    इस स्टेशन के बाद बेगमपुल की तरफ भूमिगत कॉरिडोर शुरू होता है। यह स्टेशन मेरठ मेट्रो के लिए बनाया जा रहा है। इसका कार्य फरवरी तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। स्टेशन का अधिकांश कार्य पूर्ण है।

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