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    2.5 लाख दो और डिग्री लो! बिना कॉलेज जाए हाथ में आ गई BCA की मार्कशीट, ऐसे खुली पोल

    Updated: Fri, 28 Feb 2025 02:19 PM (IST)

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में फर्जी मार्कशीट गिरोह का खुलासा हुआ है। जम्मू के अजय कुमार से दलालों ने ढाई लाख रुपये लेकर बीसीए की फर्जी मार्कशीट जारी की जबकि यह पाठ्यक्रम परिसर में पढ़ाया ही नहीं जाता। सत्यापन में जाली दस्तावेज पकड़े गए। फर्जीवाड़े में रिटायर्ड कर्मचारियों के नाम और गलत मुहरों का इस्तेमाल हुआ। रजिस्ट्रार ने गलती स्वीकार की और सुधार का दावा किया है।

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    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय - फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में दलालों के मजबूत तंत्र का एक और मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय परिसर में बीसीए यानी बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स पढ़ाया ही नहीं जाता है, लेकिन दलालों ने एक व्यक्ति से ढाई लाख रुपये लेकर बीसीए के छह सेमेस्टर की मार्कशीट दे दी। यह मार्कशीट भी करीब एक वर्ष पहले बैक डेट में दिसंबर-2001 से जून-2004 जारी की गई है।

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    जम्मू के रहने वाले अजय कुमार (बदला हुआ नाम) मेरठ में एक बैंक में कार्यरत हैं। अब नौकरी में प्रमोशन के लिए जब 71 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण बीसीए की मार्कशीट का सत्यापन कराने विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तब पता चला कि उनकी पूरी मार्कशीट ही फर्जी है। परिसर में बीसीए पाठ्यक्रम पढ़ाया ही नहीं जाता है।

    अपनी गलती समझ आने पर वह बिना कोई शिकायत किए विश्वविद्यालय से निकल गए। इस फर्जी मार्कशीट में वर्तमान परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार के नाम की मुहर लगी है, जबकि वर्ष 2001-02 में रजिस्ट्रार बीएल आर्य थे।

    20 दिनों के अंतराल में सीसीएसयू की ओर से दो अलग तिथियों (बाएं) पर जारी दो मार्कशीट पर दो अलग-अलग परीक्षा नियंत्रकों के नाम की मुहर (दाएं)। जागरण

    सेमेस्टर के अनुसार, अलग-अलग तिथियों पर जारी सेमेस्टर की मार्कशीट के सत्यापन करने वाले कर्मचारियों में जेपी शर्मा और संजीव कुमार वर्मा के नाम की मुहर लगी है, जबकि वह दोनों भी काफी पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसी मार्कशीट विश्वविद्यालय में सक्रिय दलालों के गिरोह विश्वविद्यालय परिसर के बाहर ही तैयार करा लेते हैं, जिसमें कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से उन्हें अन्य जानकारियां मिल जाती हैं।

    दो परीक्षा नियंत्रकों के नाम जारी हो रही मार्कशीट

    सीसीएसयू में वर्तमान में दो परीक्षा नियंत्रकों के नाम वाली मुहर से मार्कशीट जारी हो रही है। गोपनीय विभाग की ओर से जारी मार्कशीटों पर लंबे अवकाश पर चल रहे परीक्षा नियंत्रक डा. अश्वनी कुमार के हस्ताक्षर वाली मुहर लगाई जा रही है, वहीं प्रोफेशनल विभाग की ओर से जारी मार्कशीटों पर वर्तमान में परीक्षा नियंत्रक का कार्य देख रहे रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार के हस्ताक्षर की मुहर लगाई जा रही है।

    वर्ष 2002 की फर्जी मार्कशीट पर वर्तमान रजिस्ट्रार के नाम के मुहर की नकल। जागरण

    अश्वनी कुमार तीन सितंबर 2024 को हुए 36वें दीक्षा समारोह से लगातार अवकाश पर हैं। 25 जनवरी को अश्वनी कुमार और 13 फरवरी को धीरेंद्र कुमार के मुहर की मार्कशीट छात्रों को मिली है। ऐसे में यदि दो अलग हस्ताक्षरों वाली मार्कशीट के साथ दो अभ्यर्थी किसी एक ही संस्थान में नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उनकी मार्कशीट सही होते हुए भी संदेह के घेरे में आ जाएगी।

    यदि कोई छात्र बीए करने के बाद मार्कशीट न लें और बीएड करने के बाद मार्कशीट लेता है तो वर्तमान तिथि के अनुसार गोपनीय व प्रोफेशनल विभाग अलग-अलग हस्ताक्षर वाली मुहर से एक ही तिथि पर दोनों मार्कशीट जारी कर देगा जो अभ्यर्थी के नजरिए से गलत होगा।

    जो वर्तमान में पदभार संभाल रहा हो उसके हस्ताक्षर वाली मुहर ही मार्कशीट पर लगनी चाहिए। यह गलती पकड़ में आई है जिससे अब सुधार दिया गया है। -धीरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

    सीसीएसयू परिसर में बीबीए व बीएससी कंप्यूटर एप्लीकेशन तो है, लेकिन न वर्तमान में और न ही पहले कभी बीसीए का पाठ्यक्रम रहा या पढ़ाया गया है। -प्रोफेसर भूपेंद्र राणा, प्रवेश समन्वयक, सीसीएसयू

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