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    सावधान! गर्मी में पैर पसार सकती है ये बीमारी, मंडरा रहा खतरा; यूपी सरकार ने भी अधिकारियों को चेताया

    फरवरी में बढ़ती गर्मी को देखते हुए शासन ने बर्ड फ्लू के खतरे पर चिंता जताई है। मेरठ जिलाधिकारी को पत्र भेजकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के लिए कहा गया है। मांस की दुकानों की नियमित जांच होगी। बर्ड फ्लू के लक्षणों में बुखार खांसी आंखों में लाली और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं।

    By Sarvendra Pundir Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 28 Feb 2025 01:38 PM (IST)
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    गर्मी में बढ़ सकता है बर्ड फ्लू का खतरा - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। फरवरी माह में ही अप्रैल जैसी गर्मी का एहसास होने के बाद शासन ने बर्ड फ्लू जैसी बीमारी के पैर पसारने की चिंता जताई है। शासन ने मेरठ के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सभी को सचेत किया है। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को पत्र लिखकर बर्ड फ्लू के खतरे को टालने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

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    सीएमओ, पशु चिकित्साधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। वन विभाग को स्पेशल बताया गया है कि पक्षियों में भी यह बीमारी सबसे जल्दी आती है। इसलिए पक्षियों को बचाने के लिए पशु चिकित्साधिकारी की मदद लें।

    मांस की दुकानों की नियमित चेकिंग हो

    मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने बताया कि इस संबंध में शासन से पत्र मिला है। बर्ड फ्लू का खतरा मई और जून में आने का बताया है। इसलिए खासकर पशु चिकित्साधिकारी और सीएमओ को निर्देशित किया गया है। सीएमओ से कहा गया है कि वह मीट की दुकानों पर लगातार चेकिंग करें कि कहीं बासी मीट तो नहीं बेचा जा रहा है।

    बर्ड फ्लू के लक्षण

    • आंखें लाल हो जाती हैं।
    • सांस लेने में परेशानी होती है।
    • हल्का बुखार आएगा, जो बार-बार चढेगा।
    • खांसी भी हो जाएगी।
    • काम करते समय थकान होगी।
    • मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाएगा।
    • नाक बहना, गले में खराश होना।

    बचने के उपाए

    • इस बीमारी के दौरान घर में पालतू पक्षी न रखें।
    • आवारा कुत्ते को अपने घर के आसपास न आने दें।
    • खुली दुकान से खाने का सामान न खरीदें।
    • घर में बने सामान को बासी करके न खाएं।
    • हाथों को लगातार धोते रहें।
    • कच्चा या अधपका मीट न खाएं।

    नोट : सीएमओ डा. अशोक कटारिया के अनुसार।

    वायरल की मार 48 घंटे में घर के सभी सदस्य हो रहे बीमार

    वहीं, मौसम का बदलता मिजाज स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। वायरल बुखार की मार ऐसी पड़ रही है कि घर का एक सदस्य बीमार पड़ने पर अगले 48 घंटे के भीतर घर के सभी सदस्य बीमार हो रहे हैं। बुखार के साथ गले का दर्द भी रुला रहा है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम और सिर दर्द के मरीज भी पहुंच रहे हैं।

    जिला अस्पताल में गुरुवार को 1150 से अधिक मरीज पहुंचे। इसमें 300 से अधिक मरीज वायरल बुखार और गले के दर्द के पहुंचे हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. प्रदीप राणा का कहना है कि बदलते मौसम के कारण सबसे पहले गले में इंफेक्शन हो रहा है और जुकाम हो रहा है। इसके बाद खांसी, सिर दर्द और फिर वायरल बुखार आ रहा है।

    बड़े ही नहीं छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। फिजीशियन डा. जेसी मुदगल का कहना है कि वायरल में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसी कारण से वायरल संक्रमण तेजी से फैलता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष देखभाल की जरूरत है। बच्चों में इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण उन्हें संक्रमण जल्दी पकड़ सकता है।

    लोगों को ठंडी और गर्म चीजों के सेवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए। साथ ही दिनभर पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी जा रही है। सीएमओ डा. मंजू रानी का कहना है कि जिला अस्पताल में दवा और चिकित्सक दोनों उपलब्ध हैं। मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। गंभीर मरीजों को वार्ड में भर्ती करके भी इलाज दिया जा रहा है।

    बचाव के उपाय सूप, अदरक-हल्दी वाली चाय और गुनगुना पानी पिएं। ठंडी, तली-भुनी चीजें खाने से बचें। रात में ठंडी हवा से बचने के लिए गर्म कपड़े और टोपी पहनें। शहद, तुलसी, लहसुन और विटामिन-सी युक्त फल खाएं। शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए हल्के व्यायाम करें। गर्म पानी की भांप लें, गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें।

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