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    गंगा एक्सप्रेस-वे पर तेज स्पीड में नहीं चला सकेंगे वाहन? मेरठ से बदायूं तक निगरानी करेंगे 131 कोरियाई कैमरे

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 08:54 PM (IST)

    मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाईवे पर प्रत्येक किमी पर लगे क ...और पढ़ें

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    अनुज शर्मा, मेरठ। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेसवे वाहनों के सर्विलांस की अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होगा। हाईवे के प्रत्येक किमी पर एक कोरियाई कैमरा लगाया गया है। जो कि एक किमी की दूरी की निगरानी करेगा। यदि किसी भी स्थान पर कोई वाहन रुकेगा तो वह उसे तुरंत देख लेगा और कंट्रोल रूम को सूचित कर देगा।

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    मेरठ से बदायूं तक के प्रथम पैकेज के 130 किमी में ये 131 कैमरे लगाए गए हैं। दोनों छोर पर कंट्रोल बनाए गए हैं। जहां से तुरंत मदद दौड़ पड़ेगी। ये सभी कैमरे पुलिस के सर्विलांस सिस्टम से भी जोड़े जाएंगे ताकि किसी भी स्थिति में कार्रवाई के लिए पुलिस भी समय से पहुंच सके। ये नाइट विजन कैमरे घने अंधेरे में भी दिन का भांति काम करेंगे और ओवर स्पीड दौड़ते वाहनों को भी पकड़वाने में मदद करेंगे।

    दोनों ओर 500-500 मीटर दूरी की निगरानी करेंगे कैमरे

    गंगा एक्सप्रेसवे के पैकेज एक के बदायूं तक 130 किमी पर डिवाइडर पर प्रत्येक किमी की दूरी पर एक कैमरा लगाया गया है। जो कि 360 डिग्री घूमेगा और दोनों ओर 500-500 मीटर की दूरी तक हाईवे की निगरानी करेगा। इन नाइट विजन कैमरों से हाईवे का कोना कोना दिन और रात दोनों समय में नजर में रहेगा।

    यदि कोई वाहन किसी परेशानी (पंक्चर, तेल खत्म अथवा अन्य किसी खामी) अथवा दुर्घटना के कारण हाईवे पर रुकेगा तो कैमरे उसे डिटेक्ट कर लेगा और उसकी लोकेशन दोनों कंट्रोल रूम को एसएमएस से भेज देगा। जिसके बाद नजदीकी कंट्रोल रूम से मदद के लिए टीम को भेज दिया जाएगा। इन कैमरों को पुलिस के सर्विलांस सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। यदि किसी आपराधिक घटना का मामला होगा तो पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंच जाएगी।

    कोरियाई कंपनी की टीम कर रही काम

    कैमरों की स्थापना और उनकी कंट्रोल रूम से कनेक्टिविटी के लिए कैमरे की कोरियाई कंपनी की टीम वर्तमान में काम कर रही है। एक कैमरे की कीमत लाखों में बताई जा रही है। इसी टीम से ही टोल बूथ के कैमरों को स्थापित कराया जा रहा है।

    तेज चले तो चालान भी कराएंगे कैमरे

    गंगा एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के बाद वाहन चालक को पूरे हाईवे पर वाहन को निर्धारित गति सीमा में ही चलाना होगा। अन्यथा प्रत्येक किमी की दूरी पर स्थापित कैमरे उसका चालान कटवा देंगे। ये कैमरे ओवर स्पीड दौड़ने वाले वाहनों की सूचना भी कंट्रोल रूम को देंगे। जिसपर कंट्रोल रूम से ऐसे वाहनों का चालान करने की कार्रवाई की जाएगी।

    एंट्री के लिए नहीं होगी रुकने की जरूरत

    गंगा एक्सप्रेसवे पर एंट्री के लिए वाहनों को रुकने की जरूरत नहीं होगी। एंट्री पर लगे रीडर 150 किमी की गति से दौड़ते वाहनों को भी स्कैन करने में सक्षम होंगे।

    गंगा एक्सप्रेसवे का कोना कोना इन अत्याधुनिक कैमरों की निगरानी में होगा। पूरा सिस्टम तैयार कर लिया गया है। कंपनी की टीम इसे फाइनल टच दे रही है। टोल प्लाजा के बूथ भी तैयार हैं। इनके परीक्षण की तैयारी है।

    अनूप सिंह, सीजीएम आइआरबी